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ढिबरा से लाखों घरों में जलता है चूल्हा,लेकिन जनप्रतिनिधियों को ढिबरा मजदूरों की परवाह नही-कृष्णा घटवार

ढिबरा मजदूरों के सब्र का बांध टूटा,अब आर-पार की होगी लड़ाई

समाहरणालय के समक्ष होगा महाजुटान

ढिबरा स्क्रैप मजदूर संघ शीघ्र करेगा महाजुटान की रूपरेखा का ऐलान

कोडरमा।। ढिबरा को लेकर अब आर-पार की लड़ाई लड़ने पर ढिबरा मजदूर विवश है। ढिबरा स्क्रैप मजदूर संघ हज़ारो मजदूरों को गोलबंद कर समाहरणालय के समक्ष महाजुटान के जरिये सरकार और सांसद-विधायक के उदासीनता पर आक्रोश जताएगी। ढिबरा स्क्रैप संघ बड़े स्तर पर महाजुटान कार्यक्रम का आयोजन करेगी। ढिबरा स्क्रैप मजदूर संघ महाजुटान को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। संघ की बैठक आयोजित किया गया है, इसमें महाजुटान कार्यक्रम की रूपरेखा पर मुहर लगेगी। उक्त बातें ढिबरा स्क्रैप मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष कृष्णा सिंह घटवार ने कही। उन्होंने कहा कि 5 बार विधायक रहने वाले अब सांसद है और केंद्र में मंत्री है। लेकिन ढिबरा को लेकर कुछ भी नीति नही बनी। वहीं 2014 से कोडरमा में भाजपा विधायक है,फिर भी ढिबरा मजदूर असहाय है। हेमन्त सरकार ने को-ऑपरेटिव के जरिये ढिबरा पॉलिसी बनाया। लेकिन जिस वाहन को डंप के लिए सीएम ने हरीझंडी दिखाकर पहाड़पुर से रवाना किया, 6 महीने बाद भी ढिबरा लदा वाहन डंप तक नही पहुंचा। ढिबरा मजदूरों को हेमन्त सरकार की ढिबरा पॉलिसी से काफी आशा थी,लेकिन हेमन्त सरकार में भी ढिबरा नीति पर ठोस कार्रवाई अमल में नही है। ढिबरा मजदूर रोज-कमाने खाने वाले है,अब सब्र का बांध टूट गया। श्री घटवार ने कहा कि कोडरमा के लिए ढिबरा बड़ा मुद्दा है,लेकिन जनप्रतिनिधियों ने कभी भी इस मुद्दे को गंभीरता से नही लिया। जिसके कारण ढिबरा व्यवसाय मृत पड़ गया है। माइका (ढिबरा) से कोडरमा की पहचान है और यह पहचान अब समाप्त हो रहा। ढिबरा स्क्रैप संघ खामोश नही रहेगी। संघ के पास अब आंदोलन ही विकल्प है, आंदोलन को कैसे बड़ा बनाया जाए, इसके लिए संघ बैठक कर रणनीति तैयार करेगी।

ढिबरा गोदाम पर कार्रवाई का विरोध

ढिबरा गोदाम में लगातार हो रही कार्रवाई का संघ ने विरोध जताया है। संघ अध्यक्ष कृष्णा सिंह घटवार ने कहा कि एक तरफ ढिबरा चुनने और ट्रांसपोटिंग पर रोक लगी है।दूसरी तरफ प्रशासन ढिबरा गोदामों पर छापेमारी कर रही है। ढिबरा गोदाम से हज़ारो मजदूर जुड़े है। गोदाम सील होने से मजदूरों के सामने भुखमरी की नौबत आ जाती है। लेकिन प्रशासन मानवीय आधार पर कोई संवेदना नही रखती। ढिबरा लाइफलाइन है,ढिबरा कारोबार बढ़ेगा तो, कोडरमा खुशहाल होगा। वैध-अवैध के चक्कर मे मजदूरों का नुकसान हो रहा।

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