” शिक्षण वार्ता में बोलें वक्ता आत्मविकास स्वयं विकसित करें”,डॉ जितेंद्र ने दूसरे दिन किया संबोधित Jharkhand Koderma Koderma live by Ravi - September 1, 2020September 1, 20200 पूर्व राष्ट्रपति प्रणब बाबू को दी गयी श्रद्धाजंलि कोडरमा। झारखण्ड शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में 31 अगस्त से लेकर 05 सितम्बर तक चलने वाली “शिक्षण वार्ता” के दूसरे दिन सत्र के प्रथम वक्ता प्रोफेसर धनंजय धीरज ने विद्यालय प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा की और कहा कि शिक्षक को अपनी विषय का ज्ञाता होना चाहिए , नवीन वैज्ञानिक तकनीकीयों का प्रयोग करते हुए समप्रेषण शीलता को बढ़ाना चाहिए छात्रों को पुर्नवलन देना चाहिए। उनकी बातों को सुनना चाहिए , शालीनता के साथ आपसी विचार विनिमय करना चाहिए तथा तनाव और आवेश में कोई शिक्षण प्रभावी नहीं होता । इसलिए उचित प्रबंधन में शिक्षक छात्र और शिक्षण कौशल उचित प्रयोग आवश्यक होता है । दूसरे वक्ता के रूप में स्नातकोतर महाविद्यालय कालाडेरा जयपुर के डॉ. जितेन्द्र लोढ़ा ने अपने संबोधन में अधिगम शिक्षण स्वरूप के संबंध को रेखांकित किया और कहा कि हमें अपना स्वयं विकास करना होगा। किसी कार्य को छोटा ना समझे , मन से हीन भावना को निकाले , आज को समझे , आज के लिये जीये , हमने क्या किया है उसका मूल्यांकन करें। अपने अंदर से नकरात्मकता को दूर करें सदैव सकरात्मक और सही सोचे , हम हर काम कर सकते है आदि बिंदुओं के माध्यम से छात्रों के व्यक्तित्व विकास पर अपनी वार्ता प्रस्तुत की। दोनों वार्ताओं का संक्षिप्त प्रतिवेदन संस्था की पुस्तकालयाध्यक्ष सुरभी कुमारी ने प्रस्तुत किया । तकनीशियन के रूप में अमित कुमार एवं विवेक कुमार तथा विधि महाविद्यालय के दुर्गा प्रसाद के अतिरिक्ति डॉ0 के0एन0 पाण्डेय एवं प्रोफेसर सुशीला देवी ही मंच पर उपस्थित रहे । संस्था सचिव डॉ०डी०एन०मिश्रा भी ऑनलाईन रहे एवं कार्यक्रम से प्रतिभागियों का उत्साहवर्द्धन किया , संस्था प्राचार्य द्वारा वार्ताकारों का पुष्प गुच्छ तथा प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया। अंत में पूर्व राष्ट्रपति के निधन के कारण डॉ0 प्रियंका पाण्डेय द्वारा शोक प्रस्ताव पढ़ा गया और उनके सम्मान में दो मिनट मौन रह कर श्रद्वांजली देकर शेष कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया ।