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तीन साल से रुका पेंशन चालू,दो वृद्ध महिला के लिए KSCF बना उम्मीद का किरण

चंदवारा। प्रखंड के सुदूरवर्ती पंचायत बेंदी के बाल मित्र ग्राम छतारा की दो वयोवृद्ध महिला 37 माह से पेंशन पाने की उम्मीद में जद्दोजहद कर रहें थे। उम्र के जिस दहलीज पर खड़े थे, वहां से सिस्टम के चौखट को खटखटाना उनके लिए मुश्किलों और नाउम्मीद की राह दिखा रही थी। लेकिन इसी कांटो भरे राह में उम्मीद का किरण बनकर कैलास सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के एपीओ सुरेंद्र कुमार त्रिपाठी नज़र आए। जिनके प्रयास से छतारा गांव के जिरवा मसोमात और पुनिया मसोमात को पेंशन शुरू कर दिया गया। लगभग 37 माह पूर्व तक इन्हें पेंशन मिलती थी। लेकिन फिर अचानक इनके खातों में पेंशन आना बंद हो गया ।


इस सुदूरवर्ती गांव से इन वृृद्ध महिला को उम्र के इस पड़ाव में 22 किलोमीटर दूरी तय कर ,घनघोर जंगल के रास्ते बैंक ऑफ इंडिया चंदवारा पहुंचना बहुत ही जोखिम भरा काम था । ऐसे में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के सहायक परियोजना पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी को जब इस बात की भनक लगी तो उन्होंने अपने सहयोगी सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र सिंह से दोनों वृृद्ध महिलाा का बैंक पासबुक और आधारकार्ड की छायाप्रति उपलब्ध करवाते हुए कहां से चूक हुई इसका पता लगाने का प्रयास किया। माह नवंबर 2019 में बैंक ऑफ इंडिया और प्रखंड विकास पदाधिकारी, चंदवारा विनय कुमार के समक्ष इनकी समस्या को गंभीरता से रखा गया । कम से कम से 18 बार बैंक ऑफ इंडिया और पेंशन विभाग का चक्कर लगाने के बाद पता चला कि इनके आधारकार्ड बैंक एकाउंट से लिंक नहीं है ,पैसे इनके खातों में निरन्तर क्रेडिट हो रहा है लेकिन आधार लिंक ना होने की वजह खाते में आई राशि का पता नहीं चल पा रहा है । पुनिया मसोमात और जिरवा मसोमात को बैंक लाकर आधार कार्ड को बैंक एकाउंट से लिंक कराया गया ।

पिछले माह अप्रैल में इन माताओं के खाते में 37000 से 39000 रुपये क्रेडिट हुए हैं । इस आपदा में यह राशि इनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है । दोनों वृद्ध महिला ने बताया कि हमने पेंशन मिलने की आस ही छोड़ दिया था ,यह तो कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन की टीम की वजह से मुमकिन हो पाया है ।


कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के सहायक परियोजना पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि जरूरतमंद लोगों की सेवा हमारा नैतिक कर्तव्य है ,पेंशन की चक्कर में किसी को बेवजह भटकना ना पड़े इसको लेकर हम लोग निरंतर मदद कर रहे हैं। कोडरमा जिले के ग्राम पंचायत मेघातरी ,जानपुर ,डगर नवां ,बेंदी ,ढोढाकोला ,पारहो ,कोठियार और मधुवन में ऐसे लगभग सात दर्जन से ज्यादा मामलों का निस्तारण करवाया जा चुका है ,पेंशन से संबंधित कुछ मामले प्रक्रिया में है जिसको लेकर प्रयास जारी है ,
इसी क्रम में अप्रैल माह में मेघातरी ग्राम पंचायत के बाल मित्र ग्राम करहरिया में भी 9 मातृशक्तियों का रुका हुआ पेंशन भी चालू करवाया गया । उपरोक्त पेंशन को दुबारा से चालू कराने में प्रखंड विकास पदाधिकारी विनय कुमार ने काफी सहयोग
किया है ।

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