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पासावा ने 21 सितंबर से शिक्षण संस्थान खोलने के निर्णय का किया स्वागत, गाइड लाइन का हर स्कूल में होगा पालन-तौफीक हुसैन

कोडरमा। पासावा झारखंड प्रदेश ने केंद्र व राज्य सरकार द्वारा 21 सितंबर से हाई स्कूल-प्लस टू के विद्यार्थियों के लिए शिक्षण संस्थानों को खोलने के निर्णय का स्वागत किया है। बतादें की सरकार ने अभिभावकों की सहमति को अनिवार्य बनाते हुए शिक्षण संस्थान को खोलने की बात कही है।

झारखंड राज्य सरकार ने भी केंद्र सरकार की गाइडलाइन को फॉलो करने की बात कही है। वहीं राज्य सरकार ने 30 सितंबर तक लॉकडाउन जारी रहने का आदेश दिया है। इस संबंध में प्रदेश सचिव तौफीक हुसैन ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश के पश्चात पासावा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद के निर्देशानुसार झारखंड राज्य में भी झारखंड प्रदेश अध्यक्ष आलोक दुबे की अध्यक्षता में 24 जिलों के अभिभावकों के साथ ऑनलाइन वर्चुअल मीटिंग हुई। जिसमें अभिभावक बच्चों की शिक्षा व पठन-पाठन को लेकर चिंतित थे। अधिकांश अभिभावकों ने बच्चों में फिजिकल डिस्टेंसिंग,मास्क सैनिटाइजर का उपयोग करते हुए उनके अध्ययन हेतु अपनी सहमति दी। प्रदेश सचिव तौफीक हुसैन ने बताया की आगामी 21 सितंबर से खुल रहे स्कूलों को एसोसिएशन ने केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी किए जा रहे निर्देशों को अनिवार्य रूप से पालन करने के लिए सभी विद्यालय प्रबंधकों से आग्रह किया है।

साथ ही विद्यालय प्रारंभ होने के पूर्व विद्यालयों की नियमित रूप से विद्यालय परिसर की सफाई,संपूर्ण विद्यालय प्रांगण में सैनिटाइजर का छिड़काव,विद्यार्थियों,शिक्षकों शिक्षिकाओं एवं सहायक,कर्मियों को विद्यालय परिसर में,मास्क लगाकर नियमित रूप से प्रवेश करना तथा अनिवार्य,रूप से फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना,वर्गो में अधिकांश विद्यार्थी होने के उपरांत इवेंट/ऑडिट क्रमांक नंबर के अनुसार विद्यार्थियों को विद्यालय में प्रवेश कराएं,विद्यार्थियों के लिए पेयजल,शौचालय इत्यादि की सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना, अभिभावकों से विद्यालय प्रांगण में विद्यार्थियो के शिक्षा अध्ययन करने हेतु की सहमति अवश्य लेना, केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में जारी किए गए निर्देशों का अवश्य पालन करना होगा।

एसोसिएशन ने पुनः सरकार से आग्रह किया कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार प्राईवेट स्कूलों के शिक्षक शिक्षकेतर के बारे में अवश्य सोचें उन्हें भी सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग प्रदान हो क्योंकि निजी विद्यालय एवं हमारे शिक्षक देश के विकास और नौनिहालों के उज्जवल भविष्य के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और यह कटु सत्य है कि देश के विकास में निजी विद्यालयों की अहम भूमिका रही है और आज इस कोविड-19 कोरोना महामारी मैं भी हमारे शिक्षक सुचारू रूप से ऑनलाइन क्लासेस दे रहे हैं लेकिन इस महामारी के कारण भी हमारे शिक्षक भुखमरी का शिकार हो रहे हैं कईयों ने तो आत्महत्या भी कर ली परंतु सरकार की इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी इसलिए सरकार से आग्रह है कि निजी विद्यालयों विशेषकर गैर मान्यता प्राप्त के शिक्षण संस्थानों एवं उनसे जुड़े शिक्षकों व सहायक कर्मियों को अवश्य सहयोग करें।

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