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पुरनाडीह मे नुक्कड़ सभा,नेताओं ने कहा किसानों के संघर्ष को नहीं दबाया जा सकता

डोमचांच – कृषि कानून के खिलाफ चल रहे देशव्यापी आंदोलन के समर्थन मे वामदल व अन्य विपक्षी दल लगातार सड़कों पर है और मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रचार अभियान चला रहे हैं. इसी क्रम मे डोमचांच प्रखंड अंतर्गत खेती किसानी वाला गांव पुरनाडीह फूलवरीया मे नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया. सभा की अध्यक्षता माले जिला कमिटी सदस्य बिनोद पाण्डेय ने किया. जबकि संचालन माले नेता भगीरथ सिंह ने किया. सभा को सीपीएम राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पासवान, किसान सभा के असीम सरकार, सिविल सोसाइटी के संयोजक उदय द्विवेदी, निर्माण मजदूर यूनियन नेता प्रेम प्रकाश, माले नेता राजेन्द्र प्रसाद, सीपीएम के प्रकाश यादव, शिवनारायण यादव आदि ने सम्बोधित किया और कहा कि किसान व किसानी को बर्बाद करने वाला तीनों काला क़ानूनों के खिलाफ देशभर के किसान आंदोलनरत है. सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है. किसानों से सरकार की कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन सरकार किसानों की मांग मानने को तैयार नहीं है. नेताओं ने कहा कि सरकार तानाशाही तरीके से किसानों के संघर्ष को दबाना चाहती है, लेकिन यह नहीं दबेगा. मोदी सरकार कृषि को कॉरपोरेट घरानो अडानी अम्बानी को सौंपकर खेती और किसानी को गुलाम बनाना चाहती है, लेकिन देश का किसान अब जाग चूका है और अब सरकार को उसी भाषा मे जवाब देने के लिए तैयार है. स्थानीय किसानों को विस्तार से समझाते हुए नेताओं ने कहा कि भारतीय व विदेशी कारपोरेट को खेती सौंप देने से, उन्हे निजी मंडिया स्थापित करने देने से और किसानों को ठेके की खेती में शामिल करने से सरकारी मंडिया समाप्त हो जाएंगी। इससे लागत के दाम बढ़ेंगे, किसान कर्जदार होंगे और जमीन से बेदखल होंगे और अपने ही खेत मे किसान मजदूर बन जायेंगे. इसलिए इस जनविरोधी सरकार के खिलाफ सभी को एकजुट होना होगा. सभा मे सहदेव दास, प्रमोद दास, सहदेव सिंह, सुरेश यादव, लालबिहारी मेहता, महादेव सिंह, राजेन्द्र यादव, तालेवर दास सहित दर्जनों लोग शामिल थे.

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