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पत्रकारों के खिलाफ मंत्री द्वारा दर्ज मामले को लेकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा

कोडरमा। स्थानीय सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा जिला के दो पत्रकारों के विरूद्ध दर्ज कराए गए मामले को लेकर बुधवार को पत्रकारों के शिष्टमंडल ने उपायुक्त मेघा भारद्वाज से मिलकर ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया है कि कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कोडरमा जिला के दो पत्रकारों संजीव समीर और रवि पासवान के खिलाफ उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के आलोक में कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। इसके बाबजूद उपरोक्त पत्रकारों के विरूद्ध 107 का मामला दर्ज कर नोटिस जारी की गई है। झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राज्य सचिव जावेद इस्लाम के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपने पहुंचे पत्रकारों ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होने तक किसी प्रकार की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में आलोक सिन्हा, राम कुमार सिंह, राहुल सिंह, प्रेम भारती, रवि छावड़ा, मनीष बरनवाल, सुधीर पांडेय, जयकांत, पवन कुमार, सचिन कुमार, महेश भारती आदि शामिल थे।

पत्रकारों ने आवेदन देकर एसडीओ के समक्ष रखा अपना पक्ष

कोडरमा। जिले के दो पत्रकारों पर मंत्री व सांसद अन्नपूर्णा देवी द्वारा दर्ज मामले पर 107 की कार्यवायी को लेकर सम्बन्धित पत्रकारों ने एसडीओ के समक्ष बुधवार को अपना पक्ष दाखिल किया। संजीव समीर ने इसमें कहा है कि वे तीन दशक से पत्रकारिता से जुड़े हैं। इस दौरान पक्ष विशेष में खबर चलाने, समाचार प्रकाशित करने का कोई आरोप नहीं लगा है। वे किसी राजनीतिक दल से भी सम्बद्ध नहीं हैं और ना ही कार्यकर्ता हैं। सांसद श्रीमती अन्नपूर्णा देवी वर्ष 2019 में राजद को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थीं। उस समय जब पार्टी में शामिल होकर पहली बार 7 अप्रैल 2019 को उनका कोडरमा आगमन हुआ था, तब स्वागत समारोह के लिए अनुमंडल पदाधिकारी को उनके द्वारा आवेदन देकर कार्यक्रम की स्वीकृति ली गई थी। कभी भी फेसबुक या अन्य किसी सोशल मीडिया के माध्यम से सांसद के संबंध में कोई नकारात्मक टिप्पणी या छवि खराब करने का ना तो कोई पोस्ट डाला और ना ही इस तरह का कोई प्रयास किया गया है। नोटिस मिलने के बाद सांसद को मोबाइल पर फोन किया पर उन्होंने रिसीव नहीं किया। उसके बाद उनके सहायक अरविंद कुमार पांडेय से भी संपर्क किया गया पर नोटिस क्यों भेजा गया इसकी जानकारी नहीं मिली। श्री समीर ने लिखा है कि ना तो मैं भारतीय जनता पार्टी से या किसी अन्य राजनीतिक दल से जुडा हूं, ना ही मेरी कभी चुनाव लडने की मंशा है जो सांसद की छवि खराब करके किसी प्रकार का राजनीतिक लाभ ले सकूं। उन्होंने विश्वास जताया है कि गलतफहमी या कंफ्यूजन में सांसद श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने मेरे विरुद्ध थाना में आवेदन दिया है। संभव है कि उनके साथ के सलाहकारों ने ही उन्हें भ्रमित करते हुए इस तरह की सलाह दी और तब थाना को आवेदन दिया गया। यह भी संभव है कि पत्रकारिता की लंबे अवधि में जनमुद्दों और जन समस्याओं को कई बार समाचार के माध्यम से रखा है और इसकी वजह से माननीया सांसद ने नागवार होकर थाना को आवेदन दिया। ताकि इलाके की समस्याओं को आगे भी खबरों के माध्यम से प्रकाशित नहीं करूं। वहीं रवि पासवान ने कहा है कि मैंने अभिव्यक्ति की आजादी के तहत जन समस्याओं और जन मुद्दों काे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर अपनी बात रखी है। इस दौरान श्रीमती अन्नपूर्णा देवी पर ना तो कोई कमेंट किया गया है और ना ही व्यक्तिगत तौर पर उनसे संबंधित कोई टिप्पणी की गयी है। यह कि आईटी नियम में किए गए संशोधन के अनुसार यदि किसी प्रकार की जानकारी सोशल मीडिया पर फर्जी पायी जाती है तो उस जानकारी को सोशल मीडिया से हटाना होगा। पर मेरे द्वारा जो भी पोस्ट किए गए हैं, यदि उनपर माननीया सांसद को आपत्ति होता या पाेस्ट गलत होते तो उसे हटाने को कहा जा सकता था। इस बाबत फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना केन्द्र सरकार द्वारा जारी की गयी थी जिसपर भी माननीय सुप्रीम कोर्ट ने यह कहकर रोक लगा दी थी कि यह अभिव्यक्ति की आजादी से जुडा हुआ मामला है। केंद्रीय राज्य मंत्री और कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी द्वारा लगाए गए सभी आरोप पूर्णतः निराधार हैं और परेशान करने की नीयत से जानबूझकर लगाए गए हैं। इसपर धारा 107 दप्रसं का कोई मामला नहीं बनता है।

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