You are here
Home > Jharkhand > शहीद संतोष पासवान का शहादत दिवस आज,परिजनों को है हुक्मरानों से करनी आज भी कई फरियाद !

शहीद संतोष पासवान का शहादत दिवस आज,परिजनों को है हुक्मरानों से करनी आज भी कई फरियाद !

  • शहीद संतोष पासवान का 7 वां शहादत दिवस आज,भखरा में होगी श्रद्धांजलि समारोह

शहीद के परिवार को शहादत के 7 बरस बाद भी है मलाल !

कोडरमा। उत्तराखंड त्राशदी के समय राहत कार्य में जुटे ITBT का जवान और NDRF में 5 साल के लिए प्रतिनियुक्त हेलीकॉप्टर क्रैश होने से कोडरमा जिले के सतगावां प्रखंड के भखरा निवासी संतोष कुमार पासवान शहीद हो गये थे। उनका पार्थिव शरीर 29 जून को कोडरमा पहुंचा था,जहां उनके पैतृक गांव भखरा में अंतिम संस्कार किया गया था। उनके याद में हर साल उनके पैतृक गांव भखरा में शहादत दिवस 25 जून को मनाया जाता है। इस दिन को शहीद संतोष कुमार पासवान को सैकड़ों की संख्या में लोग भखरा पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित करते है। गुरुवार को भखरा में शहीद का 7 वां शहादत दिवस मनाया जायेगा। हालांकि शहीद के बड़े भाई शंकर पासवान ने बताया कि kovid-19 के मद्देनजर सरकारी निर्देशों और जिला प्रशासन के गाइडलाइन का पालन करते हुए शहादत दिवस मनाया जाएगा। शहीद के परिवार को आज भी कई बातों का मलाल है। शहीद का परिवार इन सात सालों में विभिन्न मांगों को लेकर धरना पर भी बैठे थे। परिजनों की मानेे तो नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों नें आश्वाशन देकर शहीद के परिवार की मांगों को सरकारी फाईलों के फेहरिस्त में जोडने के सिवाय कुछ भी नही किया। देश के लिए अपनी प्राणो को न्योछावर कर देने वाला शहीद का परिवार राज्य सरकार से आज भी सम्मान और प्रतिक स्थापित करने के लिए आशा भरी नजरों से टकटकी लगाए हुए है।

शहीद का बड़ा भाई होम गार्ड तो छोटा भाई है बेरोजगार

शहीद आईटीबीटी जवान संतोष कुमार पासवान का पूरा परिवार आज भी पैतृक गांव भखरा में ही रहता है। पत्नी पूनम के अलावे शहीद के पिता देवनंदन पासवान, माता देवंती देवी,बड़ा भाई शिवनंदन प्रसाद उर्फ शंकर पासवान, छोटा भाई सत्येन्द्र कुमार पासवान भखरा में ही रहतें है। शहीद का बड़ा भाई शंकर पासवान,स्नातक पास है और होमगार्ड का जवान है। जबकि छोटा भाई स्नातक की डिग्री लेकर भी नौकरी के लिए भटक रहा है।

भखरा गांव के प्रवेश स्थल पर बन रहा द्वार अब भी है आधा अधूरा

शहीद संतोष कुमार पासवान के पैतृक गांव भखरा जाने के मुख्य मार्ग के प्रवेश द्वार पर शहीद के नाम से तोरणद्वार बनाया जा रहा है। लेकिन तोरणद्वार भी आधे-अधूरे हालत में है। बताया जाता है की निर्माण कार्य काफी तेजी से किया गया,लेकिन फिर कार्य आधा-अधूरा अटका हुआ है। बतादें कि परिवार के लोग अनशन व धरना के माध्यम से शहीद के नाम से तोरणद्वार बनाने की मांग किया जाता रहा था। जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू किया गया था। फिलहाल काम रुका पड़ा है और परिजनों को भी नही मालूम है की कब तक बनकर तैयार होगा।

स्टेडियम का नामकरण, भूमि व आवास के लिए परिवार कर रहा फरियाद !

शहीद संतोष कुमार पासवान के बड़े भाई शिवनंदन पासवान उर्फ श्ंकर पासवान नें बताया की जब भाई शहीद हुआ था,तो उम्मीद थी कि शहीद के सम्मान में किया जा रहा हर वादें पूरें होगें। लेकिन शहादत के 7 बरस बीत जाने के बाद भी वे सभी मांगे जस के तस बनें हुए है। उन्होनें कहा की परिवार की मांग थी की सतगावां में बननें वाला स्टेडियम का नामकरण शहीद के नाम से हो,शहीद के परिवार के बेहतर जीवनयापन के लिए कोडरमा में मकान बनानें के लिए भूमि आबंटित हो। उन्होनें बताया की राज्य सरकार से अबतक केवल दो लाख रुपये मिले है। उन्होनें कहा की राज्य सरकार को शहीदो के सम्मान में परिवार के मांगो को पूरी कर उदाहरण पेश करना चाहिए। उन्होनें जिलेभर के लोगों को गुरुवार को 11 बजे से भखरा में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में शामिल होने की अपील किया है।

Top