कृषि कानून के खिलाफ किसान सभा ने केन्द्र सरकार का पुतला फूंका Jharkhand Koderma Koderma live by Ravi - September 28, 2020September 28, 20200 किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने वाला काले कृषि कानून का विरोध लगातार जारी है. इसी के तहत झारखंड राज्य किसान सभा (एआईकेएस) के बैनर तले मेघातरी में किसान मजदूरों ने केन्द्र सरकार का पुतला दहन किया गया. जहां मोदी सरकार मुर्दाबाद, काला कानून वापस लो, किसानों के अधिकारों पर हमला बंद करो आदि के जैसे नारे लगाए गए. किसान नेता भीखारी तुरी की अध्यक्षता व ग्यासउद्दीन अंसारी के संचालन में हुई नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए सीपीएम राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पासवान ने कहा कि आजादी के बाद देश में खेती किसानी और नागरिकों की खाद्य सुरक्षा पर सबसे बड़ा हमला है. जिसका भयानक असर आगे भविष्य में होने वाले हैं. इसमें किसानों की उपज को सीधे खरीदी की पूरी छूट देता है. इसका असली मतलब यह है कि बड़े व्यापारियों और कारपोरेट कंपनियां अब सीधे गाँव और देश में कहीं भी जाकर फसल खरीद सकेंगी और अपने धनबल की दम पर उपज खरीदी पर अपना एकाधिकार बना लेगी. सूदखोर व्यापारी किसानों को अपने फंदे में फसाकर औने पौने दाम पर किसानों की उपज ही नहीं खरीदेगा बल्कि धीरे-धीरे उसकी जमीन भी हड़प लेगा. किसान नेता असीम कुमार ने कहा कि यह कानून पूरे देश में ठेका पर खेती लाने की इजाजत देता है. इसका कितना विनाशकारी और दूरगामी असर होगा इसे अंग्रेजी राज के तजुर्बों और अठारहवीं सदी में जबरन कराई गयी नील की उस खेती के अनुभव से समझा जा सकता है जिसके नतीजे में लाखों एकड़ जमीन के बंजर होने और दो दो अकालों के रूप में इस देश ने देखे और भुगते हैं. मोदी सरकार किसानो की लूट से कारपोरेट कंपनियों और व्यापारियों को कराये जाने वाले मुनाफे और कमाई को पर्याप्त नहीं मानती. इसलिए इस कृषि कानून के द्वारा किसी को भी कितनी भी तादाद में अनाज और खाद्यान्न की जमाखोरी करने की छूट देता है. इसलिए इस काले कानून के खिलाफ संघर्ष जारी रखना होगा. कार्यक्रम में ग्यासउद्दीन अंसारी, भीखारी तुरी, बलाल अंसारी, नरेश विश्वकर्मा, मुन्ना भुइंया, लखन सिंह, रामस्वरूप रजवार, रामचंद्र यादव, प्रयाग सिंह, अर्जुन यादव, छोटू सिंह, महेन्द्र भुइंया, कारू सिंह, गणेश तुरी, टेकलाल दास, सीटन सिंह, राजू सिंह, लालजीत तुरी, गणेश सिंह, रूपेश राजवंशी, ब्रह्मदेव सिंह, चन्दर सिंह, सुरेश यादव, शंकर सिंह, चंदन रजवार, भोली रजवार, कलवा मसोमत, रामेश्वर सिंह, विजय सिंह सहित दर्जनों लोग शामिल थे.