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कांको में किसान पंचायत,बोले नेता जबतक कानून वापस नही होगी,तबतक संघर्ष जारी रहेगा

कोडरमा। उत्क्रमित उच्च विद्यालय परिसर जयपुर कांको में किसान संघर्ष मोर्चा कोडरमा के तत्वावधान में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया तीन कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर देश भर मे चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन मे व दिल्ली मे किसानों पर हो रहे दमन के खिलाफ जम कर विरोध किया। अध्यक्षता किसान नेता महेश सिंह व संचालन अर्जुन यादव ने किया। पंचायत में जिप सदस्य महादेव राम, सीटू नेता संजय पासवान, सिविल सोसाइटी के उदय द्विवेदी, सीपीआई जिला मंत्री प्रकाश रजक, आप नेता दामोदर यादव, मजदूर नेता प्रेम प्रकाश, बसपा नेता प्रकाश अम्बेडकर, क्रांतिकारी नेता चरणजीत सिंह, अशोक यादव, उपप्रमुख बिरेन्द्र यादव, कांग्रेस नेता सह मुखिया धीरज कुमार ने किसान महापंचायत मे उपस्थित महिला पुरूष किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों के पक्ष में उठ रही आवाज़ों और तीन कृषि काला कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को कुचलने के लिए मोदी सरकार द्वारा लगाई जा रही कीलों और नुकीले तारों से ख़ौफ़ का माहौल बनाया जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकारों पर राष्ट्रद्रोह सहित बाकी गंभीर आपराधिक केस लगाये जा चुके हैं, सोशल मिडिया पर रोक लगाने के लिए इंटरनेट का कनेक्शन काटा जा रहा है. धरती पर इंसान सहित सभी जीवों के लिए पानी उसका मौलिक अधिकार है, लेकिन मानवता के खिलाफ यह सरकार आंदोलन कर रहे किसानों का पानी रोक रही है. जिसके चलते महिलाओं को काफी दिक्कत हो रही है. लेकिन सरकार के इस दमन के खिलाफ किसान आंदोलन पिछे नहीं हटेगा और अपनी खेती और किसानी को बचाने व अडानी अम्बानी के हांथों मे देश की कृषि पर कब्जा की साजिश को नाकाम करने के लिए जब तक काला कानून वापस नहीं होगा तब तक किसानों का संघर्ष जारी रहेगा.

धन्यवाद ज्ञापन पुरूषोतम यादव ने किया। जयनगर अंचल मंत्री अर्जुन यादव, चंदवारा अंचल मंत्री सच्चिदानंद पांडेय, रमेश यादव, काली सिंह, जिबलाल पंडित, देवंती देवी, मदन राम, त्रिलोकी महतो, छोटेलाल यादव, कामेश्वर पंडित, प्रयाग प्रसाद, सकिन्द्र कुमार, दिनेश यादव, दशरथ पासवान, रंजीत भारती, उर्मिला देवी, रीता देवी, विश्वनाथ रविदास, कैलाश रजक, विश्वनाथ यादव, प्रदीप गिरी, सतेंद्र यादव, विनोद पासवान, रामकृष्ण शर्मा, हरि पासवान, रामेश्वर यादव उर्फ भीखन यादव, बसमतीया देवी, शांति देवी सहित भारी संख्या में किसान मौजूद थे।

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