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केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ में सांकेतिक हड़ताल में उतरे बीमा कर्मचारी व अधिकारी

कोडरमा। अखिल भारतीय आह्वान पर भारत जीवन बीमा निगम के कर्मचारी व अधिकारी 1 घंटे के लिए सांकेतिक हड़ताल पर रहे। देशभर में एलआईसी के सभी शाख ,मंडल,क्षेत्रीय एवं केंद्रीय कार्यालय के मुख्य द्वार पर बैठकर बीमाकर्मी व अधिकारियों ने धरना प्रदर्शन किए। ज्ञात हो कि 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में भाजपा सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम के कुछ हिस्से को बेचने की नीति लाई है। एलआईसी कर्मचारियों ने कहा कि भारत जैसे देश के लिए एलआईसी को बेचना अतिघातक सिद्ध होगा। भारतीय जीवन बीमा निगम का गठन बीमा विधेयक अधिनियम के तहत मात्र 5 करोड़ की पूंजी से प्रारम्भ हुआ था, जो आज महज 64 वर्षो के बाद विश्व की नम्बर 1 संस्था बन गया है। महज 5 करोड के बदले भारत सरकार को वर्ष 2018 -19 में 2611 करोड़ रुपये का लाभांश के रूप में भुगतान किया। लगभग इतनी राशि का लाभांश भुगतान प्रत्येक वर्ष किया गया है,प्रत्येक पांच वर्षीय योजना में खरबों रुपये का भुगतान निगम ने किया। जब जब भारत सरकार की आर्थिक स्थिति खराब हुई, निगम ने ही सुधार में सहयोग दिया है। जब जब कोई बैंक डूबने की स्थिति आई निगम ने उसे अधिग्रहण किया। वर्तमान में निगम के पास 36 लाख करोड़ की संपत्ति है वही भारत के सभी बैंकिग एवं वितीय संस्थानो को मिलाकर कुल 160 लाख करोड़ की संपत्ति है इस 160 लाख करोड़ में भी निगम का हिस्सा 29 प्रतिशत है। जबकि सरकार महज 77 हज़ार करोड़ जुटाने के लिए ये कुकृत कर रहे है। अगर सरकार इसे किसी निजी कम्पनी को सौंपती है तो पब्लिक के पैसा असुरक्षित के साथ प्रीमियम के दर भी दोगुना हो जाएगा जिसका भार सीधे गरीब जनता पर पड़ेगा। एक साजिश के तहत केंद्र सरकार निगम के कुछ हिस्सों को बेच कर भारत की अर्थ ब्यवस्था के रीढ़ की हड्डि को तोड़ने का कुत्सित प्रयास है। झुमरी तिलैया शाखा के बीमा कर्मचारी संघ, कल्याण संघ, NFIFWI सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन किया। NFIFWI के मंडल अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि ये लड़ाई अभी शुरू हुई है और तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार वापस न ले ले।
हड़ताल में मुख्य रूप से राम रतन अवध्या,संजय कुमार,अमित कुमार, कुमार अशोक,महावीर यादव, कालिका साह, रामेश्वर, संजय लोहानी, अमन सिन्हा, लक्ष्मी ठाकुर, विशाल कुमार, सत्येंद्र पाठक, ज्योतिंद्र, सुनील कुमार, रामलाल, रोहित कुमार, अमर कुमार, सुधीर कुमार, सुबोध शर्मा, हरेंद्र सिंह, आदि के अलावे सैकड़ो की संख्या में कर्मचारी, अधिकारी, अभिकर्ता गण एवं बीमा धारक उपस्थित थे।

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