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भ्रूण जांच के आरोपी डॉ.दोषी करार,डॉ. सीमा मोदी को 2 साल की जेल,5 हज़ार जुर्माना,कोर्ट ने दिया बेल

कोडरमा।। भ्रूण हत्या और लिंग परीक्षण के संगीन आरोप के मामले में करीब 4 साल तक न्यायालय में चले कानूनी प्रक्रिया में फैसला आ गया। हालांकि मामले में जिस डॉक्टर और सहयोगी को सजा हुई है, उन्हें फौरन राहत भी मिल गयी और फैसला आने के कुछ देर बाद ही जमानत मिल गयी।यही नही, पीडिजे की अदालत में अपील करने के लिए एक माह का मोहलत भी दी गयी है। दरअसल, झुमरीतिलैया के रजगढिया रोड स्थित धन्वंतरी अल्ट्रासाउंड क्लिनिक में भ्रूण हत्या और लिंग जांच के मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाया है। मामला 2019 का है, भ्रूण हत्या/लिंग परीक्षण की शिकायत पर क्लीनिक में डिकॉय ऑपेरशन किया गया था। इसमें वहां के रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर सीमा मोदी एवं उनकी एक सहयोगी को रंगेहाथ पकड़ा गया था। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मामले में दंडाधिकारी संतोष सिंह ने थाना में मामला दर्ज कराया था, बाद में कोर्ट में भी शिकायतवाद दर्ज कराई गई थी। गिरफ्तारी के बाद डॉक्टर सीमा मोदी करीब 4 महीने तक कारावास में रही और हाईकोर्ट से जमानत लेकर बाहर रहीं। करीब 4 साल तक वैशाली श्रीवास्तव की सीजीएम कोर्ट में चली सुनवाई के बाद 26 जून 2023 को फैसला सुनाया गया। जिसमें आरोपी डॉक्टर सीमा मोदी व सहयोगी को 2 साल की सजा और 5 हज़ार का जुर्माना लगाया गया। सुनवाई के दौरान कुल 13 गवाहों का परीक्षण कराया गया। जबकि अभियोजन पक्ष से लोकअभियोजक एंजलीना बारला और बचाव पक्ष के अधिवक्ता रौशन कुमार ने दलीलें रखी। आरोपी डॉक्टर सीमा मोदी के विरुद्ध फैसला आने के बाद, कोर्ट से ही उन्हें औपबंधिक जमानत दे दी गयी। पीडिजे कोर्ट में बचाव पक्ष को अपील करने के लिए 30 दिनों की मोहलत दी गयी है। उल्लेखनीय रहे कि भ्रूण हत्या/ लिंग जांच के आरोपी डॉक्टर पिछले 6 माह से सदर अस्पताल में बतौर रेडियोलॉजिस्ट अनुबंध पर कार्यरत है।

डिकॉय ऑपेरशन से मचा था हड़कंप

कोडरमा जिले में भ्रूण लिंग जांच के बढ़ते मामले की शिकायत पर पहली बार डिकॉय ऑपेरशन चलाया गया था।सीधी भाषा मे बात करें, तो धनवंतरी अल्ट्रासाउंड क्लिनिक में सुनियोजित/गोपनीय तरीके से गर्भवती महिला को गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग का पता करने के लिए भेजा गया था। 7000 रुपये में क्लिनिक में लिंग की जानकारी देने का मामला पुष्टि हुई थी। डिकॉय ऑपेरशन के दौरान उक्त क्लिनिक से रुपये बरामद किए गए थे। मामले की पुष्टि हुई थी,जिसके आधार पर कार्यपालक दंडाधिकारी संतोष सिंह के आवेदन पर तिलैया थाना में मामला दर्ज किया गया था।

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