सदर अस्पताल के उपाधीक्षक का तानाशाही फरमान,पदाधिकारी की जगह स्टॉफ नर्स मीडिया को करेगा ब्रीफ Jharkhand Koderma Koderma live National by Ravi - October 25, 2023October 25, 20230 मीडिया से क्यो भाग रहे सदर अस्पताल के पदाधिकारी,आखिर वजह क्या है ? कोडरमा। सदर अस्पताल में समाचार संकलन के बाद ऑफिसियल बयान लेने में पत्रकारों को अब मुश्किल होगी।दरअसल, अब सदर अस्पताल में किसी भी तरह का समाचार संकलन के बाद अस्पताल का पक्ष या बयान अब पदाधिकारी नही देंगे। इसकी जगह अनुबंध पर कार्यरत स्टाफ नर्स रजनीश कुमार मीडिया को जानकारी शाम 4 बजे देंगे। अब सवाल उठ रहा है कि टीवी या अखबार को पदाधिकारी बयान नही देंगे, तो फिर एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी का बयान क्या मायने रखेगी। बड़ी घटना या प्रशासनिक चूक की ख़बर में प्रशासनिक पक्ष तो अस्पताल के सिविल सर्जन या अस्पताल उपाधीक्षक द्वारा ही मान्य होता है। ऐसे में अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारी का बयान ऑफिसियल बयान कैसे होगा।दरअसल, यह विवाद सदर अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ रंजीत कुमार के कार्यालय आदेश ज्ञापन 1485 जारी होने के बाद खड़ा हुआ है। जारी आदेश में लिखा गया है कि संस्थान अंतर्गत कोई भी पदाधिकारी/कर्मचारी मीडिया को किसी भी तरह बयान नही देंगे। इसके लिए सागर रजनीश कुमार (स्टॉफ नर्स) को अपने कार्य के अतिरिक्त प्राधिकृत किया जाता है। इस पूरे विवाद में मीडिया को कंट्रोल करने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। सदर अस्पताल में बीते कुछ महीने में प्रशासनिक चूक की खबर प्राथमिकता से प्रकाशित हुई है। हाल ही में मीडिया के रिपोर्ट के कारण सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था की पोल खुली थी। जिसमे सदर अस्पताल कैम्पस में वृद्ध की मौत देखभाल के अभाव में खुली आसमान के नीचे हो गयी थी। सदर अस्पताल वही अस्पताल है, जिसे कोडरमा का म्यूज़ियम भी कहा जाने लगा था, क्योकि अस्पताल की व्यवस्था का जायजा लेने महामहिम राज्यपाल से लेकर कोडरमा आनेवाले राज्य सरकार के मंत्री भी अवश्य पहुंचते थे। ऐसे में सदर अस्पताल का कार्यालय आदेश तानाशाही फरमान नही, तो और क्या है।