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स्वतंत्र डिजिटल मीडिया संस्थान पर हमला,लोकतंत्र पर हमला-असीम सरकार

गिरफ्तार पत्रकारों को रिहा करने की मांग

कोडरमा।। अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य संयुक्त सचिव असीम सरकार ने स्वतंत्र डिजिटल मीडिया संस्थान और पत्रकारों पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की घोर निंदा की है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया संस्थान और पत्रकारों के साथ केंद्र सरकार की एजेंसी बोलने की आज़ादी पर हमला कर रही है। उन्होंने कहा की केंद्र सरकार के अधीन दिल्ली पुलिस ने न्यूज क्लिक जैसे न्यूज़ पोर्टल के कार्यालय सहित इसके डायरेक्टर और इससे जुड़े हुए कर्मचारी रिपोर्टर कंसलटेंट आदि के घरों पर पहुंची,घरों की तलाशी ली, इनके लैपटॉप कैमरा और दूसरे सामग्रियों को सीज कर ली। न्यूज़ क्लिक के फाउंडर प्रवीर पुरोकायस्थ एवं न्यूज़ स्टोरी राइटर अमित चक्रवर्ती को UAPA के तहत गिरफ्तारी की भर्त्सना किया है। उन्होंने आगे कहा कि गौरतलब है कि वर्तमान सरकार अपनी खोती हुई लोकप्रियता से घबरा गई है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ऊपर लगतार हमले कर रही है।इसके पूर्व मोदी सरकार के द्वारा बीबीसी,न्यूज़ लॉन्ड्री, द वायर तथा दैनिक भास्कर जैसे न्युज एजेंन्सी, वेव पोर्टल और अखबार के ऊपर भी कार्रवाई हुई थी,जिसे हम लोग भूले नहीं है। बीते दिनों की कार्रवाई में ना तो कोई एफआईआर की कॉपी दी गई ना कोई सर्च वारंट ही इनके पास दिखाई। साथ ही जो सामान सीज किया गया,उन सामग्रियों का लिस्ट भी नहीं दी गई। न्यूज़ क्लिक के द्वारा कानून तोड़ने की कौन-कौन सी गतिविधि की गई थी,इसके बारे में भी कोई वर्णन नहीं दिया गया। न्यूज क्लिक के कार्यालय को सील कर देश में स्वतंत्र पत्रकारिता को भयभीत करने का प्रयास किया गया। अभिसार शर्मा, उर्मिलेश, भाषा सिंह, सहित 46 पत्रकारिता से जुड़े लोगों से घन्टों पूछताछ की गई।जिसमें 9 महिलाए शामिल थीं। न्यूज़ क्लिक के बारे में गोदी मीडिया और भाजपा सांसद के द्वारा प्रचारित किया गया कि चीन के पैसा से चीन के प्रचार जैसे कामों में यह चैनल लगी हुई थी।लेकिन हम इसके पूर्व 2021 में मोदी सरकार के इडी और आईटी द्वारा न्यूज़ क्लिक के लिए डायरेक्टर का लैपटॉप फोन वगैरह सीज किया गया था। लगभग 80 घंटे तक पूछताछ की गई थी,लेकिन दो वर्षों के बींच में भी इनके ऊपर कोई आरोप गठित नहीं हो पाई। न्यूज क्लिक एक स्वतंत्र वेबसाइट है जो अपने उच्च स्तरीय व्यावसायिक मान्यताओं को लेकर स्वतंत्र देश में पत्रकारिता करती रही है। इनके द्वारा आज तक जिस भी मुद्दे को उठाया गया या न्यूज़ कवर किए गए वो सब उनके वेबसाइट पर आज भी देखा जा सकता है। इनके द्वारा चीनी प्रोपोगण्डा का एक भी उदाहरण केंद्र सरकार पेश नहीं कर सकी है। जबकि भारत सरकार के नियमों के आधार पर ही बैंकिंग नियम और आरबीआई के नियमों के आधार पर ही न्यूज क्लिक अपना फंड ले रही थी। इसप्रकार अभिव्यक्ति के आजादी के ऊपर और निष्पक्ष पत्रकारिता के ऊपर हमला,दरअसल लोकतंत्र पर ही हमला है। असीम सरकार ने सरकार से दोनों गिरफ्तार पत्रकार को रिहा करने,सभी से सीज की गई सामग्रियों को वापस करने की माँग किया हैं।

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