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महिला सशक्तिकरण का अनूठा मिसाल बन रहा असनाबाद का धरना,CAA-NPR-NRC का हो रहा विरोध, कमान संभाल रही महिलाएं

कोडरमा। कोडरमा जिले को महिला सशक्तिकरण के लिए जाना जाता है। राजनीति से लेकर सामाजिक क्षेत्र में महिलाओं की प्रत्यक्ष भागीदारी-हस्तक्षेप के कारण महिला सशक्तिकरण के लिए कोडरमा का नाम हर जगह लिया जाता है। कोडरमा में सांसद,विधायक और जिप अध्यक्ष,नगर पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत ग्राम पंचायत में कई महत्वपूर्ण पदों पर महिला प्रतिनिधि काबिज़ है। इसलिए कोडरमा को महिला सशक्तिकरण का प्रमुख केंद्र माना जाता है। कोडरमा के असनाबाद में आयोजित धरना भी महिला सशक्तिकरण के अनूठा मिशाल के रूप में उभर रहा है। उसकी वजह ये है कि धरना की बागडोर महिलाएं अपने हांथो में ले रखी है। महिलाएं ना केवल धरना में पहुंच रही है, बल्कि धरना के हरेक एक्टिविटी में अपना योगदान दे रही है। धरना के हर छोटे बड़े फैसले महिलाएं खुद से ले रहीं है। इसलिए यह धरना खासा चर्चा का विषय बन गया है। असनाबाद में यह धरना 7 फरवरी से चल रहा है और हर दिन भारी संख्या में महिलाएं पहुंच रही है।

दिन रात मंच संभाल रही है महिलाएं, लगा रही नारे

असनाबाद में 7 फरवरी से CAA-NRC-NPR के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। इस धरना का नेतृत्व पूरी तरह से महिलाओं के हाँथ में है। धरना से संबधित हर निर्णय महिलाएं ले रहीं है। यही नही धरना पर बने मंच भी महिलाएं संभाल रही। धरना दिन रात चल रहा और महिलाएं हर वक़्त धरना स्थल पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहीं। मंच पर महिलाएं स्वयं ही माइक थाम ऊंची आवाज में नारे लगा रही, जिससे 5 दिनों बाद भी महिलाओं का जोश और ऊर्जा पहले दिन जैसा है।

नज़्म व शेरो-शायरी पर खूब बजती है तालियां

असनाबाद में आयोजित धरना में शामिल कई पर्दानशीं महिलाएं अपने साथियों में ऊर्जा बनाएं रखने के लिए समय समय पर नज़्म पढ़कर एक दूसरे का हौशला आफजाई कर रही है।साथ ही अपनी आंदोलन के मुख्य मांगो को भी अपने शब्दों में पिरोकर नज़्म व शेरो शायरी के रूप में महिला व युवतियां पेश कर रही है। उन्ही नज्मों में से एक नज़्म पेश है।

“लहू लुहान आंखों नें ख़्वाब देखा है।
सहेंगीं सदियों तक आनेवाली नस्लें।।

हमने भी नक़ाब-हिज़ाब में इंक़लाब देखा है।।

क्या है धरना की वजह

धरना पर बैठे महिलाओं से जब धरना की वजह पूछी गयी तो उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून पारित किया है। वहीं आनेवाले दिनों में राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी और राष्ट्रीय नागरिक पंजी लाएगी। नागरिकता तो CAA के बिना भी संविधान में प्रदत कानून के तहत दी जाती रही है। अभी हाल ही में अदनाम शामी को भारत सरकार नें नागरिकता दी है। अब सवाल ये उठता है कि क्या नागरिकता भी अब धर्म देखकर दिया जाएगा। क्योंकि सरकार ने जो नया कानून लाया है, उसमें धर्म के आधार पर ही नागरिकता देने का प्रावधान किया है। इसमे एक खास वर्ग को शरणार्थी होने की सूरत में साफ साफ नागरिकता नही देने की बात कही है। भारत धर्मनिरपेक्ष देश है, यहां सभी धर्मों को बराबर सम्मान देने की बात संविधान में की गई है। फिर संविधान के साथ छेड़छाड़ क्यो किया जा रहा। इस मुल्क में रहनेवाला सभी हिंदुस्तानी है,फिर उनकी रोजमर्रे के सवाल और समस्याओं को छोड़कर नागरिकता कानून लाने की जरूरत क्या है। घुसपैठिया को रोकने के लिए क्या हिंदुस्तान के हर नागरिक को कतार में खड़ा करना ठीक होगा। क्योंकि असम में NRC किया गया, उसकी अनुभव आप देख लीजिए। नागरिकता साबित करने में हमारे देश के ही सेवा करने वालों को नागरिकता नही मिल रही। जो आज़ादी के लड़ाई में शामिल थे, उनके वंशज अपने ही देश मे क्या पराए हो जाएंगे,केवल कागजात के आधार पर।ये धरना CAA कानून को वापस लेने की मांग कर रही। साथ ही जबतक सरकार कानून वापस नही लेती धरना शांतिपूर्ण जारी रहेगा।

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