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टाईगर जयराम महतो KTPS में बाहरी-भीतरी के हो गए शिकार,एक फोन कॉल ने बिगाड़ा खेल !

कोडरमा।। स्थानीयता,खतियान,भाषा और विस्थापन की लड़ाई लड़ने वाले झारखंडी भाय टाईगर जयराम महतो, कोडरमा में बाहरी-भीतरी के शिकार हो गए। दरअसल, KTPS के लैंड लूज़र पिछले कई दिनों से नौकरी से हटाए जाने के खिलाफ भूख हड़ताल कर रहें है।आंदोलनकरियों को समर्थन करने JBKSS की टीम बांझेडीह पहुंची। टाईगर जयराम महतो के साथ छात्र नेता मनोज यादव और पत्रकारिता छोड़ राजनीति में पदार्पण करने वाले संजय मेहता भी पहुंचे। अपने चीर परिचित अंदाज में जयराम महतो ने स्कोर्पियो की छत पर खड़ा होकर करीब 1 घंटा 25 मिनट तक दहाड़ लगाई। जयराम महतो का भाषण राजनीतिक हिसाब से दूरदर्शिता वाला था और अपने भाषण से युवाओ को समेटने की भी रही। जयराम ने अपने संबोधन में सांसद-विधायक, ktps मैनेजमेंट किसी को नही बख्शा। भीड़ और अग्रेसिव भाषण के कारण ktps मैनेजमेंट को मजबूरन वार्ता के लिए बुलाना पड़ा।सबकुछ ठीक ठाक था, लेकिन एक कॉल ने सबकुछ गड़बड़ कर दिया।अब वो कॉल किसका था, ये बात तो ktps मैनेजमेंट को पता है।लेकिन सूत्रों की माने, तो ktps में अपनी शाख रखने वाले और बर्चस्व की बादशाहत रखने वाले वाइट कॉलर मैन ने फोन कॉल कर वार्ता में कुछ भी निर्णय नही करने की हिदायत दे दी। फिर, क्या था वार्ता विफल हो गयी।बकौल जयराम महतो की मानें तो वार्ता में मांगो पर सहमति बन गयी थी। केवल लिखित आश्वाशन देने पर बात अटकी थी।लेकिन टाइमिंग ऐसा हुआ कि उसी दौरान ktps मैनेजमेंट को कॉल आया, जिसके बाद मैनेजमेंट का तेवर बदल गया।वार्ता टूट गयी।

Ktps में बादशाहत रखने वाले नही चाहते थे वार्ता सफल हो, जयराम को क्रेडिट मिले !

इस पूरे घटनाक्रम में टू साइड स्टोरी है। टाईगर जयराम महतो जहां JBKSS के गठन के बाद झारखण्ड के कोने कोने में अपनी पैठ बनाने में जुटे है। वे विस्थापितो की लड़ाई/आंदोलन में शामिल हो रहे।वहीं उतरी छोटानागपुर पर खास तवज्जों दे रहे। KTPS भी खास मकसद के साथ पहुंचे थे। जिसमें सफल होते भी नज़र आए। लेकिन कहते है ना ये सिक्का का एक पहलू है।दूसरा पहलू ये है कि ktps के इर्द गिर्द राजनीति करने वाले नही चाहते थे कि कोडरमा के बाहरी व्यक्ति का वर्चस्व KTPS में कायम हो। टाईगर जयराम महतो वार्ता में सफ़ल हो जाते,तो वाइट कॉलर वाले स्थानीय नेता जी का क्रेज़ घट जाता। जयराम महतो जितने देर रहे, पल पल की ख़बर वाइट कॉलर वाले बॉस के पास चेले चपाटे पहुंचा रहे थे। वार्ता में एक समय ऐसा आया था, जब जयराम महतो की दलीलें ktps पर भारी पड़ रही थी और मैनेजमेंट भूख हड़ताल तुड़वाने पर लगभग तैयार हो गयी थी।लेकिन वार्ता में शामिल एक सख्स ने व्हाट्सएप्प के जरिये बॉस तक ख़बर पहुंचा दी। फिर क्या था डेढ़ मिनट का कॉल ने पूरा किस्सा ही बदल दिया। जानकारी के अनुसार ktps में दबदबा रखने वाले लोग नही चाहते थे कि कोई नया खिलाड़ी आकर मैदान में चौका चक्का मार कर हीरो बन जाये। जयराम बाबू ktps में स्थानीयता के साथ बाहरी -भीतरी के शिकार हो गए। अब टाईगर की दहाड़ 3 अगस्त को कोडरमा ब्लॉक मैदान में होगी।

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