डॉक्टर ने लेडी डॉक्टर की ले ली जान! प्रसव के घंटे बाद पति की बांहों में तोड़ा दम। Crime Jharkhand Koderma Koderma live by Ravi - October 25, 2023October 25, 20230 सवालों के घेरे में डॉ अलंकृता मंडल ? पति डॉ परिमल तारा ने सोशल मीडिया पर लगाया गंभीर आरोप कोडरमा। जिले की एक होनहार डॉक्टर की मौत उनके ही पेशा की लापरवाही के कारण हो गयी,ये बात कोई और नही मृतक डॉक्टर प्रीति रानी के पति डॉ परिमल तारा की लिखी फेसबुक पोस्ट से झलकती है। घटना काफी विचलित करने वाली है। दिल को झकझोर देने वाली घटना झुमरीतिलैया पुराना बस स्टैंड निवासी डॉ परिमल तारा की पत्नी डॉ प्रीति रानी तारा के साथ घटी है। घटना से डॉ परिमल तारा मर्माहत है और सदमें में है। मौत अपने आप मे दर्द और भावनाओं का एक्सट्रीम वर्जन है, इसकी व्याख्या शब्दो मे नही की जा सकती। लेकिन अपनी डॉक्टर पत्नी की मौत के बाद डॉ परिमल तारा ने शोसल मीडिया में जो लिखा है, वह कोडरमा के डॉक्टरी पेशा के सिस्टम को हिला कर रख दिया है। मन मे समुद्र के माफिक आई तूफान की तरह उथल पुथल मची हो,ऐसे में भावनाओं पर काबू रखना नामुमकिन है। इसके बाबजूद डॉ परिमल तारा ने सब्र रखा। लेकिन अंतिम संस्कार के बाद जब डॉ परिमल तारा ने आंखे बंद की, तो उनके सामने वो मनहूस घटनाक्रम सामने आते रही। डॉ परिमल के मन मे सवालों का बौछार होने लगा, जिस सवालों का जबाब शायद हेल्थ सिस्टम को आज नही तो कल देना होगा। (डॉ परिमल तारा की शोसल मीडिया में लिखी गयी पोस्ट का अंश) डॉ परिमल के सवाल आखिर क्यों का ? जबाब तो देना ही होगा ! आखिर क्यों …किसी भी ऑपरेशन से पहले हमलोग प्री ओप एंटी बायोटिक्स, पैन,ओंडेम, इत्यादि का इंजेक्शन लगाते है,लेकिन प्रीति को सिर्फ मेटरोन का इन्फ्यूजन चलाया गया ? जब मैंने सिस्टर से पूछा तो बोली ऑपरेशन थिएटर के अंदर देते है और जब ऑपरेशन थिएटर में देखा तो सिर्फ लाइफ सेविंग मेडिसिन, एनेसथेटिक मेडिसिन ही रखा हुआ था ? आखिर क्यों….जब डॉक्टर अलंकृता को बोल दिया गया था मेरे एवम प्रीति दोनो को द्वारा की ऑपरेशन थिएटर में मैं भी रहूंगा तो बिना मेरे प्रेजेंस में वो ऑपरेशन कर के बेबी आउट कर देती है …आखिर क्यों?? बच्चे की आवाज सुन कर मैं ऑपरेशन थिएटर में अंदर आता हु और फिर कुछ देर बाद मुझे फिर बोलती है की आप चले जाइए यूटरस सील चुका है ..फिर जब 15–20 मिनट बाद फिर जब ओटी का प्रोग्रेस देखने जाता हु तो उस वक्त भी यूटरस बाहर हो होता है..आखिर क्यों?पोस्ट ओप iv फ्लूड बहुत इंपोर्टेंट होता है यूरिन आउटपुट मेंटेन के लिए.. एक भी फ्लूड नही चला जब साम में 5बजे मैं आता हूं तो सिस्टर से बुला कर स्टार्ट करवाता हु.. आखिर क्यों?? इस पूरे प्रकरण में मैंने पूर्ण रूप से Dr.अलंकृता पे विश्वास किया..शायद इसलिए भी उनकी कोई बात को काट नही पाया… मैंने अपनी प्रीति को सेकडो हजारों ऑपरेशन करते देखा,चाहे वो प्राइवेट में हो या सदर में हो..उसके लिए एक एक पेसेंट इंपोर्टेंट होता था वो हमेशा बोलती थी पेसेंट कही का भी हो किसी के जान से बड़ा नही है..पोस्ट ओप केयर भी करते देखता था वो हमेशा हर ऑपरेशन के बाद 6–7hr हो अलर्ट में रहती थी.. स्टाफ से पूछ ताछ खबर लेती रहती थी और मैं प्रीति के हर ऑपरेशन में साथ खड़ा रहता था ये बात dr पूनम भी जानती थी.. तो इतनी हड़बड़ी की बात की थी?? आखिर क्यों?? पोस्ट ओप के बाद प्रीति ने पूनम से पूछा भी जब 2.12p m में बाबू आउट हुई तो दो घंटे ऑपरेशन में कैसे लगा दी, 4 बजे इतनी देर तक क्यू?? मैं मानता हु इन सब चर्चा कर के मेरी प्रीति वापस नही आयेगी लेकिन मैं भी खुद को कभी माफ नहीं कर पाऊंगा की आखिर क्यों मैं उसके ऑपरेशन में साथ खड़ा नही था?? या dr अलंकृता के मीठी मीठी बातों में आ कर उनकी बात मान लिया.. कॉन्फिडेंस is very good thing but over कॉन्फिडेंस is some टाइम्स जान लेवा.. और इस ओवर कॉन्फिडेंस चाहे dr अलंकृता का अपने ऊपर हो या मेरा उनपे विश्वास का ओवर कॉन्फिडेंस..के कारण आज मेरी प्रीति हमसबको छोड़ कर चले गई.. कितना दर्दनाक दृश्य है की मैं खुद लाचार था मेरी बाहों में उन्होंने अंतिम सास ली…और मैं कुछ नही कर पा रहा था..वहा पे खड़े सभी से उनकी जिंदगी की भीख मांग रहा था..मैं खुद को जिंदगी भर माफ नही कर पाऊंगा..