शहनाई के धुन से भी मधुर लगती है,जब मोबाइल का बजता है रिंगटोन Jharkhand Koderma Koderma live National by Ravi - July 16, 2022July 16, 20220 मोबाइल नेटवर्क के लिए चौखट पार कर,टापू चढ़ कर करना पड़ता है कॉल… डिजिटल दुनियां में एक इनकमिंग कॉल के लिए तरस जाते है लोग। कोडरमा।। डिजिटल दुनियां में हर हांथो में मोबाइल फोन है। मोबाइल फोन से बात तो होती ही है, साथ मे देश,दुनियां के किसी भी कोने तक एक क्लिक से पलक झपकते ही संपर्क हो जाती है। लेकिन कोडरमा जिले में एक ऐसा गांव भी है,जहाँ कॉल करने के लिए चौखट की दहलीज़ पार कर ऊंची जगह या टापू पर चढ़ने पर ही कॉल लगती है। कॉल लग जाए या कॉल आ जाए तो शहनाई के गूंज से भी प्यारा लगता है.. यहाँ के लोगों को मोबाइल पर बजने वाला रिंगटोन। जी, हाँ हम बात कर रहे कोडरमा जिले के डोमचांच प्रखण्ड अंतर्गत बंगाखलार पंचायत के एक गांव की। जंगल- पहाड़ से घिरे इस पंचायत में कई गांव-टोले है,इनमें ज्यादातर गांवों में मोबाइल नेटवर्क नही रहता। मजबूरन ग्रामीणों को मोबाइल लेकर टापू पर या ऊंचे स्थान पर कॉल करने या कॉल सुनने के लिए दौड़ लगानी पड़ती है। बंगाखलार पंचायत के इस गांव में कॉल आने-जाने के लिए लोग अपना मोबाइल घर से बाहर रखते है,ताकि मोबाइल का रिंगटोन बजे तो कॉल करने के लिए टापू या ऊंची स्थान पर जा सकें। यहाँ के बच्चे कार्टून या वीडियो को ऑनलाइन नही देख पाते, इसलिए नेटवर्क वाले जगह पर जाकर वीडियो डाउनलोड कर बाद में इत्मीनान से देख कर अपना मनोरंजन करते है। वहीं गांव की महिलाएं और ग्रामीणों का हर दिन गांव के एक ऊंची जगह पर छायादार पेड़ के नीचे जमावड़ा लगता है, जहां मोबाइल नेटवर्क रहने पर कॉल कर अपने सगी-संबधियों से बातचीत करते है। ये नजारा हर दिन देखने को मिलता रहता है। सहिया दीदी के रूप में काम करने वाली सुनीता का कहना है, इमरजेंसी में एम्बुलेंस बुलाने में काफी दिक्कत होती है। प्रसव दर्द से कराहती महिला को लेट लतीफी होने पर गाड़ी में ही प्रसव कराने का इंतज़ाम रखना पड़ता है। इस गांव में मोबाइल नेटवर्क बड़ी समस्या तो है ही, यहां के लोगों को पीने का पानी के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है, गांव के एक कुँवा ग्रामीणों की प्यास बुझाती है। इस इलाके में सरकारी चापाकल तो है, लेकिन इनमें वाटर लेवल काफी नीचे होने के कारण चापाकल से पानी नही निकलता। कोडरमा जिले के बंगाखलार पंचायत के इस गांव में रहने वाले ग्रामीण मोबाइल नेटवर्कऔर पीने के पानी से परेशान है, अब देखना लाजिमी होगा इन गांवों में मोबाइल नेटवर्क और पेयजल आपूर्ति की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों की समस्या का समाधान सरकार कब तक करती है।