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आर्थिक तंगी का दंश झेल रहे निजी स्कूल के शिक्षक,सहायक कर्मी एवं संचालक -तौफीक हुसैन

कोडरमा : कोरोना संक्रमण से हुए लॉकडाउन का खामियाजा प्रतिदिन कमाने खाने वालों से लेकर आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। कोरोना काल में आर्थिक तंगी के शिकार निजी स्कूलों के शिक्षक,सहायक कर्मचारी एवं संचालक भी हुए है। ये कहना है पासावा के प्रदेश सचिव तौफीक हुसैन का। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा पूर्व में ही कई बार जिला प्रशासन के माध्यम से केंद्र व झारखंड सरकार से विशेष पैकेज की मांग की गई। लेकिन सरकार सहयोग राशि देने में असफल रही।

एसोसिएशन के प्रदेश सचिव तौफीक हुसैन ने बताया कि कोरोना काल में 8 से 9 महीने लंबी अवधि तक स्कूल बंद रहने के कारण विभिन्न विद्यालयों के संचालकों के साथ-साथ निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं सहायक कर्मियों की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है।

इस विषय पर अधिकारियों के साथ साथ सरकार के कई नुमाइंदों और जिला के सभी विधायकों,सांसद को एसोसिएशन द्वारा मेमोरेंडम सौंपा गया एवं झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को ई-मेल,टि्वटर एवं सोशल मीडिया के माध्यम से निजी विद्यालयों और इनमें कार्यरत शिक्षकों शिक्षकेतर एवं सहायक कर्मियों कि आर्थिक संकट से जूझ रहे स्थिति से अवगत भी कराया गया की आज इस लॉकडाउन में हम सभी शिक्षक परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं। सरकार शीघ्र ही राज्य व देश के निर्माताओं को आर्थिक सहयोग दें। साथ ही 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षार्थियों एवं विद्यार्थियों के सत्र को ध्यान में रखते हुए एसोसिएशन सरकार से राज्य में विद्यालय,संचालकों,शिक्षकों,सहायक कर्मचारियों,विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के हित हेतु विद्यालयों को संचालित करने के आलोक में अविलम्ब दिशानिर्देश को पारित कर असमंजस की स्थिति पर पूर्ण विराम देकर कृतार्थ करें इसकी विशेष रूप से मांग करती है। आर्थिक संकट से जूझ रहे शिक्षकों एवं कर्मियों के हित हेतु एसोसिएशन राज्य के सभी जिलों में शीघ्र ही शांति मार्च एवं धरना प्रदर्शन करने को विवश हो जाएगी।

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