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देश को गिरवी रखने और महंगाई, बेरोजगारी बढ़ाने वाला बजट : संजय पासवान

कोडरमा – वितमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा पेश किये गये केन्द्रीय बजट 2021-22 पर प्रतिक्रिया देते हुए माकपा राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पासवान ने कहा कि यह अब तक का सबसे खराब बजट है और यह देश को गिरवी रखने वाला और महंगाई, बेरोजगारी बढ़ाने वाला बजट है. यह आम बजट की जगह कॉरपोरेट बजट है. इसमे आमलोगों को पुरी तरह से नकार दिया है. मध्यमवर्गीय और गरीबों को छला गया. उन्होनें कहा कि आज देश महामारी, आर्थिक मंदी के प्रभाव से पैदा हुई भविष्य की अनिश्चित्ता से जूझ रहा है। पिछले वित्तवर्ष के पहले 6 महीनों में GDP में हुई 15 फ़ीसदी से ज़्यादा की गिरावट जैसी स्थिति होने के बावजूद बजट मे इससे उबारने के लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया.सरकार ने 1.75 लाख करोड़ रुपये विनिवेश से जुटाने का लक्ष्य रखा है और यह राष्ट्रीय संपत्ति को बेचकर किया जाएगा। जो एक तरह से देश को गिरवी रखने जैसा है. आम लोगों की अनदेखी करते हुए सरकार ने कॉर्पोरेट घरानों के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई है। देश की नामी, विश्वषनीय और मुनाफा कमाने वाली सरकारी कम्पनी एलआईसी मे निजी हिस्सेदारी 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे इसका सरकारी चरित्र ही समाप्त हो जाएगा. रेलवे को पीपीपी मॉडल पर निजी कम्पनियों को बेचने की बात किया गया है. सरकारी जमीन, कारखाने बेचने की बात की गई है. देश मे दस करोड़ से ज्यादा बेरजगार है, लेकिन इस बजट मे नौकरी की कोई चर्चा नहीं है. लॉकडाउन मे हजारों की नौकरियां चली गई. सैलेरी मे कटौती हुई, लेकिन बजट मे इनके लिए कुछ नहीं है. लोगों के हांथ मे पैसा नहीं आयेगा तो खरीदने की क्षमता नहीं बढ़ेगा व खरीदार नहीं होने से बाजार की हालत और खराब होगा. कुल मिलाकर यह बजट पुरी तरह जनविरोधी है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी आम जनता से अपील करता है कि इस जनविरोधी बजट के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध करें.

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