You are here
Home > Jharkhand > किड्जी मामला-बेटी के शरीर पर दांत काटने का जख्म देख पिता पहुंचा स्कूल,लेकिन पहुंच गया जेल ! वाह रे सिस्टम ?

किड्जी मामला-बेटी के शरीर पर दांत काटने का जख्म देख पिता पहुंचा स्कूल,लेकिन पहुंच गया जेल ! वाह रे सिस्टम ?

स्कूल संचालिका ने लगाया बच्ची के पिता पर छेड़छाड़ समेत अन्य गंभीर आरोप !

दोनो पक्ष से मामला दर्ज, लेकिन किड्जी स्कूल की छात्रा के शरीर मे दांत काटने और ज़ख्म का कौन करेगा इंसाफ ?

कोडरमा।। तिलैया थाना में दर्ज एक मामले में एसडीओ कार्यालय में कार्यरत कर्मी नयन प्रकाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामला एक प्ले स्कूल से जुड़ा है। झुमरीतिलैया के विशुनपुर रोड स्थित किड्जी स्कूल की संचालिका ब्यूटी सिंह ने 1 अगस्त को मामला दर्ज कराया था, जबकि नयन प्रकाश ने भी ब्यूटी सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। दरअसल पॉवर, पैसा और रुतबा के साथ मामला जुड़ा है। किड्जी संचालिका ब्यूटी सिंह के आवेदन पर तिलैया थाना ने 203/22 के तहत मामला दर्ज किया। इसमें पुलिस ने IPC की धारा 354,34B,323 और 307 का मामला दर्ज किया। वहीं दूसरे पक्ष नयन प्रकाश के आवेदन पर पुलिस ने 204/22 में मामला दर्ज किया। इसमें पुलिस ने IPC की धारा 323, 341, 342, 506 के तहत मामला दर्ज किया। फिलहाल पुलिस ने एसडीओ कार्यालय के कर्मी नयन प्रकाश को कोडरमा जेल भेज दिया है।

किड्जी स्कूल की संचालिका ने क्या लिखा है आवेदन में

तिलैया पुलिस ने बताया कि ब्यूटी सिंह ने 1 अगस्त को हुई घटना को लेकर आवेदन दिया। आवेदन में नयन प्रकाश पर छेड़खानी करने,धक्का मुक्की करने,जान मारने के उदेश्य से हमला करने और सुनियोजित तरीके से आकर लड़ाई झगड़ा करने को लेकर शिकायत की थी। आवेदन के आधार पर मामला दर्ज कर पुलिस ने अनुसंधान किया और आरोपी नयन प्रकाश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

एसडीओ ऑफिस के कर्मी नयन प्रकाश की क्या थी शिकायत

इधर एसडीओ कार्यालय में कार्यरत नयन प्रकाश ने भी तिलैया थाना में मामला दर्ज कराया। किड्जी प्ले स्कूल की संचालिका ब्यूटी सिंह पर धक्का मुक्की करने,परिसर का रास्ता अवरुद्ध करने, गलत तरीके से जबरन रोके रखने को लेकर मामला दर्ज कराया।

तिलैया पुलिस ने दोनों पक्ष के आवेदन पर कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया। ब्यूटी सिंह द्वारा दर्ज मामले में आरोपी नयन प्रकाश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

मामला आखिर है क्या ?

दरअसल मामला किड्जी में पढ़ने वाली नयन प्रकाश की बेटी से जुड़ा है। इस प्रकरण की शुरुआत किड्जी प्ले स्कूल में क्लास के दौरान छात्रा के साथ मारपीट और दांत काटने से घायल होना बताया जा रहा है! दरअसल अपनी बच्ची के शरीर पर गहरे दांत काटने से बने जख्म और मारपीट से घायल अवस्था देखने के बाद,एसडीओ कार्यालय में कार्यरत नयन प्रकाश ने ऑफिस से लौटते ही स्कूल संचालिका से मिलने पहुंचे थे। स्कूल में शिकायत की नीयत से पहुंचे नयन प्रकाश और उनकी पत्नी ने शिकायत की और कार्रवाई करने की मांग की। लेकिन स्कूल प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से नही लिया। साथ ही मामले को मामूली बताकर मामले को रफ़ा-दफ़ा कर घर वापस लौटने की हिदायत दे दी। अपनी बेटी के हांथो में दांतो के काटे निशान और शरीर मे चोट के निशान देखकर अभिभावक के तौर पर आक्रोशित होकर कार्रवाई करने की बात कही, जो स्कूल प्रबंधन को नागवार गुजरी। जानकारी के अनुसार दोनो के बीच जमकर नोंक-झोंक हुई। मामला इतना बढ़ा की दोनो पक्ष ने थाना में शिकायत दर्ज करा दी।

आखिर स्कूल में किसने मारा और किसने काटी दांत

इस मामले में तिलैया पुलिस ने किड्जी स्कूल में बच्ची के साथ मारपीट,दांत काटने मामले को तहकीकात की या नही,इसकी कोई ठोस जानकारी नही है। पुलिस ने दोनों पक्ष के द्वारा लगाए गए आरोप के आधार पर कार्रवाई की है। हालांकि पुलिस की कार्रवाई में सिर्फ नयन प्रकाश को जेल भेजा गया है। लेकिन दूसरे पक्ष पर कार्रवाई होगी या नही, ये ब्यूटी सिंह पर लगी धारा 323,341,342 और 506 ही बता रही है। ऐसे इस पूरे प्रकरण में एसडीओ कार्यालय के कर्मी नयन प्रकाश के स्कूल पहुंचने की वजह को गौण कर दिया गया है। आखिर नयन प्रकाश किड्जी स्कूल क्यो गए थे ? ये सवाल ढूंढने में क्या पुलिस ने दिलचस्पी नही दिखाई। जबकि बताया जा रहा है कि नयन प्रकाश की छोटी सी बच्ची रांची के अस्पताल में भर्ती है और उसका ईलाज चल रहा। लेकिन FIR तो छेड़छाड़ और लड़ाई झगड़ा और जान से मारने को लेकर कराया गया है।

अब आप सोचिए,हमारा सिस्टम कैसे काम करती है। आप रसूखदार है, आपकी प्रशासनिक पकड़ है, उच्च अधिकारियों तक पहुंच है,तो उस पिता को जेल भी भेज सकते है ? जो अपनी बेटी के शरीर पर ज़ख्म देखकर आगबबुला होकर शिकायत करने स्कूल पहुंच जाता हो !

इन दिनों कोडरमा जिले के विभिन्न स्कूलों में गंभीर मामला प्रकाश आ रहें है, लेकिन हर मामला मैनेजमेंट क्लास की बेहतरीन उदाहरण पेश कर मामला नौ दो ग्यारह हो जा रहें है। इसमें स्कूल मैनजमेंट हर बार अपनी थ्योरी से मामला अपने पक्ष में कर ले रही। मीडिया के लिए बिडंबना है कि पीड़ित पक्ष मीडिया के साथ संवाद नही कर पा रहें। कई मामलों में मीडिया को पहले ही एक पक्ष मैनेज कर ले रहा, जिसके कारण सच्चाई बाहर नही आ पाती। मीडिया को विज्ञापन भी चाहिए होता है, तो फिर विज्ञापन दाता के विपक्ष में कलम की स्याही क्या लिखेगी ? पीड़ित पक्ष का मीडिया से विश्वाश टूटा है, जो पत्रकारिता के लिए शुभ संकेत नही है। पीड़ित पक्ष अपनी बात मीडिया से नही रखता, जिसका फायदा कई मामलों में वन साइडेड हो जाता है।

Top