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कोडरमा में बनें आलू चिप्स का स्वाद लेगा झारखंड,बाजार समिति में बनेगा फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट,आलू उत्पादन से बढ़ेगा किसानों की आमदनी

कोडरमा।। कोडरमा में बनें आलू चिप्स, फ्रेंच चिप्स और बॉईल एंड ड्राई चिप्स का स्वाद अब कोडरमा और आसपास के जिले के लोग जल्द ही उठा सकेंगे। धीरे धीरे उत्पादन बढ़ाकर, राज्य के हर जिलों में विविध प्रकार के आलू चिप्स एक्सपोर्ट किया जाएगा। जिसका लाभ कोडरमा के किसानों को मिलेगा। कोडरमा में इसकी कवायद शुरू हो गयी है।शिक्षा,स्वास्थ और स्वालम्बी गांव प्रोजेक्ट में उम्दा प्रदर्शन के बाद डीसी आदित्य रंजन की पहल पर किसानों को स्वालम्बी बनाने के लिए फ़ूड प्रोसेसिंग निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। सबकुछ ठीकठाक रहा तो, इसी सीजन में कोडरमा में बनें आलू चिप्स मार्केट में उपलब्ध हो जाएंगे। डीसी आदित्य रंजन ने कोडरमा में मडुआ,रागी और आलू की फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल आलू चिप्स और मड़ुआ फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट पर काम शुरू हो गया है।इन दोनों यूनिट में 500-500 किसानों को सदस्य बनाया गया है। FPU के स्थापना होने से आलू उत्पादन करने वाले किसानों की आमदनी 3 से 5 गुणा अधिक बढ़ जाएगी। साथ ही बेरोजगारों को रोजगार भी मिल पायेगा।

बाजार समिति में बनेगा फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट

नगर परिषद क्षेत्र के कोडरमा बाजार समिति में आलू चिप्स का फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की तैयारी चल रही है। शुरुआती दौर में आलू और मड़ुआ के FPU में 500-500 सदस्यों को जोड़ा गया है। झुमरीतिलैया में FPU यूनिट खुलने से जहां प्रोडक्ट को बड़ा बाजार मिलेगी, वहीं शहर से बाहर प्रोडक्ट को भेजने के लिए सुगम यातायात व्यवस्था मिल पाएगी। क्योकि कोडरमा का झुमरीतिलैया शहर रेल और सड़क मार्ग से सीधा जुड़ा हुआ है।

मड़ुआ की खेती में कीर्तिमान,2500 एकड़ में हो रही खेती

कोडरमा में मड़ुआ फसल की खेती किसान अमूमन व्यवसायिक दृष्टिकोण से नही करते थे। घरेलू उपयोग और थोड़ी बहुत लोकल बाज़ार में बेचने के लिए किसान मड़ुआ लगाते थे। लेकिन इसबार से किसानों ने वृहत पैमाने पर मड़ुआ की फसल लगाई है। डीसी आदित्य रंजन ने बताया एक सर्वे के मुताबिक 2500 एकड़ में मड़ुआ की खेती हो रही है, जो कोडरमा के लिए कीर्तिमान है। उन्होंने बताया कि भविष्य में 10 हज़ार एकड़ में मड़ुआ की खेती करने का लक्ष्य है। बतादें की सरकार के द्वारा जिलेभर के किसानों को 15 क्विंटल मड़ुआ बीज फ्री उपलब्ध कराया गया था। वहीं किसानों को DMFT फण्ड से करीब 20 क्विंटल मड़ुआ बीज आर्डर किया गया है। इसकी कीमत 70 ₹/केजी है, जो किसानों को आधी कीमत पर उपलब्ध कराई जाएगी।

5 कलस्टर में 29 गांव,505 किसान

कोडरमा के डोमचांच प्रखंड में आलू की काफी मात्रा में उत्पादन होती है। डोमचांच में आलू उत्पादन बढ़ाने की क्षमता विराजमान है।यहां की आलू की बाजार में काफी डिमांड है। जिसकी वजह से आजीविका के लिए बेहतर विकल्प है। आलू चिप्स यूनिट के लिए पर्याप्त मात्रा में आलू की जरूरत हो डोमचांच से ही पूरा किया जा सकता है।इसलिए डोमचांच में 5 कलस्टर बनाया गया है इनमें डोमचांच, फुलवरिया,पारहो, मसमोहना,बेहराडीह है। इन कलस्टर में 29 गांव जुड़े है। जबकि इन गांवों के 505 किसान सीधे तौर पर जुड़ चुके है।

इसी सीजन से ब्रांडिंग और पैकेजिंग कर होगा चिप्स का उत्पादन,बढ़ेगी किसानों की आमदनी- आदित्य रंजन, डीसी, कोडरमा

आदित्य रंजन, डीसी, कोडरमा

कोडरमा डीसी आदित्य रंजन ने बताया कि भारत सरकार- राज्य सरकार का उद्देश्य है कि यहां के किसानों को हैंड टू हैंड मेथड दे सकें। सिर्फ खेती ही नहीं,खेती के प्रोडक्ट को वैल्यू एडिशन करना है। उसी के तहत कोशिश किया जा रहा है कि मडुआ प्रोसेसिंग, रागी प्रोसेसिंग और आलू प्रोसेसिंग यूनिट लगाया जाए। प्रोसेसिंग यूनिट निर्माण को लेकर प्रक्रिया शुरू है। FPU के माध्यम से काम किया जाना है। जिसमें 500- 500 सौ किसान सदस्य हैं। चिप्स मेकिंग यूनिट आलू से चिप्स तैयार करेगी। फिलहाल जिस आलू से चिप्स बनाया जाता है,उसे मंगाया जाएगा। फिर उसकी खेती भी होगी। आलू का चिप्स बड़े ब्रांड के तर्ज पर पैकेजिंग और ब्रांडिंग कर उत्पादन किया जाएगा। इसी तरह रागी से भी बनने वाले बिस्किट लड्डू का उत्पादन किया जाएगा। FPU में शामिल 1000 किसानों को स्वरोजगार का अवसर मिलेगा। जबकि चिप्स उत्पादन होने पर किसानों की आमदनी 3 से 5 गुणा बढ़ जाएगी। डीसी आदित्य रंजन ने विश्वास जताया है कि इस सीजन में ही चिप्स उत्पादन हो जाएगी। जबकि अगली सीजन से यहां के खेतों से उपजे आलू से चिप्स उत्पादन किया जाएगा।

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