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स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध पर बहाली में बरती जा रही भारी अनियमितता-सईद नसीम


कोडरमा। कांग्रेस नेता सईद नसीम ने स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग के आधार पर तकनीकी ग्रेड के कर्मियों नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ की अनुबंध पर नियुक्ति में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि सदर अस्पताल सहित सरकारी सामुदायिक,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा रेफरल अस्पतालों में आउटसोर्सिंग नर्सिंग स्टाफ, पैरा मेडिकल स्टाफ का अनुबंध पर नियुक्ति के लिए पिछले दिनों निविदा के माध्यम से चयनित करने की जिम्मेवारी आउटसोर्सिंग एजेंसी कमांडो सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड को दी गयी थी। लेकिन उपरोक्त एजेंसी सरकार के निर्देशों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन कर बाहरी लोगों को कर्मी के रूप में नियुक्त कर रही है। जो बिल्कुल अनुचित है जबकि सरकार के निर्देशानुसार आउटसोर्सिंग के तहत स्थानीय कर्मियों को ही प्राथमिकता देने की बात कही गई है। चयनित आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा पूर्व से आउटसोर्सिंग के आधार पर कार्यरत स्थानीय कर्मियों को भी तरजीह नहीं दी गई है। इन के जगह पर बिहार सहित दूसरे जगह के कर्मियों को अनुबंध पर बहाल किया जा रहा है। सईद नसीम ने कहा कि मिली जानकारी के अनुसार इसके अलावा एजेंसी द्वारा कर्मियों की नियुक्ति में प्रति कर्मी हज़ारों रूपए की नाजायज वसूली की जा रही है। एजेंसी के चयन की प्रक्रिया पूरी होने के 2 माह बीत चुके हैं इसके बावजूद भी अब तक निर्धारित संख्या में कर्मियों की नियुक्ति एजेंसी द्वारा नहीं की जा सकी है । इससे सरकारी अस्पतालों में लैब टेक्नीशियन ओटी असिस्टेंट सहित अन्य पदों पर कर्मियों की भारी कमी बनी हुई है। जानकारी के अनुसार अब तक निर्धारित लगभग 210 कर्मियों में मात्र कंपनी द्वारा 100 कर्मियों की ही नियुक्ति की जा सकी है वही तकनीकी ग्रेड में नियुक्त कर्मियों के प्रमाण पत्रों की भी अब तक विभाग स्तर से जांच नहीं की गई है। मिली जानकारी के अनुसार आउट एजेंसी द्वारा अनुभवहीन कर्मियों की नियुक्ति की गई है। ऐसे में मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ होने की भी आशंका है। इसके अलावा आउटसोर्सिंग एजेंसी के चयन को लेकर निकाली गई निविदा उल्लंघन किया गया है। जानकारी के अनुसार आउटसोर्सिंग एजेंसी के चयन निविदा के माध्यम से किए जाने को लेकर विभाग स्तर से विज्ञापन प्रकाशित की गई थी। जिसमें इसमें भाग लेने वाले एजेंसियों को कर्मियों को दी जाने वाली मानदेय के लिए अनुबंध रेट भरने का निर्देश दिया गया था। इसके तहत इस में भाग लेने वाले चार एजेंसियों में तीन द्वारा अनुबंध रेट भरा गया था। मगर इसका विरोध करने के बाद तत्कालीन सीएस द्वारा इस संबंध में चयन समिति का हवाला देते हुए श्रम विभाग से मंतव्य मांगा गया था। जब टेंडर में ही निविदा भरने को लेकर अनुबंध रेट का निर्देश दिया गया था। ऐसे में इसके विरूद्ध जाकर श्रम विभाग से मंतव्य लेकर गवर्नमेंट रेट भरने वाले एजेंसी का चयन कर लिया जाना इस में भारी गड़बड़ी को दर्शाता है। मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में कमांडो सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड पर कर्मियों के पीएफ नहीं देने को लेकर हजारीबाग श्रम कमिश्नर कार्यालय के अलावा जामताड़ा में भी कार्रवाई की गई है। इसे ब्लैक लिस्टेड भी किया गया है। ऐसे में जिला प्रशासन ने निवेदन होगा एजेंसी के चयन में भर्ती गई गड़बड़ी के अलावा एजेंसी द्वारा कर्मियों की नियुक्ति में की जा रही गड़बड़ी नजायज वसूली की जिला स्तर पर टीम बनाकर जांच किया जाय और स्थनीय लोगो की नियुक्ति में प्रथमिकता दी जाय।

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