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गरीब,असहाय भूखा ना रहें,इसके लिए जिलेभर में 21 दाल भात केंद्र हो रही संचालित- उपायुक्त

गरीब असहाय व जरुरतमंदो के बीच लगातार किया जा रहा है राहत पैकेटों का वितरण

को़डरमा। जिले में वैश्विक महामारी कोराना वायरस (कोविड-19) से बचाव एवं रोकथाम के लिए जिला प्रशासन हर संभव प्रयासरत है। लॉक डाउन के दौरान किसी भी असहाय, मजदूर व जरुरतमंद लोगों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। जिले में कोई भी गरीब असहाय भूखा ना रहे, इसके लिए जिले में प्रमुख स्थानों पर दाल भात केंद्र संचालित की गई है, जहां निःशुल्क भोजन की व्यवस्था है । जिले में कुल 21 दाल भात केंद्र हैं, जिसमें से पूर्व से 07 दाल भात केंद्र संचालित है।

जिले में रहने वाले गरीब, असहाय तथा अन्य वैसे व्यक्ति जिनके पास आजीविका के साधन उपलब्ध नहीं हैं। उन सभी के लिए मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र का संचालन एक बड़ा सहारा साबित हो रहा है। दाल भात केंद्र पर हर दिन सैकड़ों गरीब व असहाय लोग भोजन कर रहे हैं। वही जिले में करीब 15,136 ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने राशन कार्ड बनाने हेतु आवेदन दिये। इसकी पूरी सूची पंचायतवार सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को उपबल्ध करा दिया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार ऐसे सभी परिवारों को प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही जिले में करीब 5 लाख 34 हजार राशन कार्ड धारी हैं, इन परिवारों को भी प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है। इन सारे राशन कार्ड धारी के परिवारों को अग्रिम 2 महीने का अनाज बांट जा रहा है। ताकि किसी भी परिवार को लॉक डाउन के दौरान परेशानियों का सामना न करना पड़े। जिला प्रशासन के द्वारा जिले के कई स्थानों पर सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गयी है। जहां असहाय एवं जरुरतमंद लोगों को निःशुल्क भोजन की व्यवस्था है। झारखंड सरकार के द्वारा गुड़ व चना का 2000 पैकेट प्राप्त है। इन पैकेटों को असहाय लोगों के बीच अगले दो दिनों के अंदर बांटना शुरू कर दिया जायेगा। जिले के मुखिया और वार्ड पार्षदों के 10 हजार की राशि उपलब्ध करायी गयी है, जो कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी गरीब और जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न व अन्य संबंधित परेशानी हो,तो उन्हें इस राशि का प्रयोग करके योग्य लाभुकों को लाभ पहुंचने का निर्देश दिया गया है। उपायुक्त के निर्देश पर हर दो पंचायत पर एक सुपरवाइजर की नियुक्त की गयी है। इन सुपरवायजरों को ग्राम समिति एवं ग्राम समन्वय समिति से समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। ताकि लॉकडाउन के दौरान कोई भी गरीब और जरूरतमंद लोग, जिन्हे अनाज संबंधित परेशानी हो, इसकी सूचना जिला प्रशासन को देना सुनिश्चित करेंगे ताकि उन्हे तत्काल खाने की सामग्री उपलब्ध कराया जा सके।

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