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सामाजिक सरोकार का लोकपर्व कोजागरा संपन्न, मिथिला के नवविवाहित दूल्हों के घर में रहा उत्सवी माहौल

झुमरी तिलैया – मिथिलांचल का लोकपर्व कोजागरा मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। मिथिला के नवविवाहित दूल्हों के घर कोजागरा को लेकर उत्सवी माहौल देखने को मिला। घरों में दूल्हे के ससुराल के साथ रिश्तेदारों और मेहमानों के आगमन हुआ। इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए धीरेन्द्र नाथ मिश्रा की बेटी आस्ट्रेलिया से झुमरी तिलैया पहुॅची। कोजागरा के अवसर पर मिथिलांचल क्षेत्र में समाज के लोगों में मखाना-बताशा और पान बांटने की परंपरा है। हालांकि, समय के साथ-साथ अब इस पर्व के स्वरूप में भी बदलाव होने लगे हैं। अब पहले की तरह कोजागरा के अवसर पर सामाजिक सरोकार नहीं दिखता। धीरे-धीरे यह पर्व महज परंपरा को निभाती दिख रही है।

सामाजिक समरसता का प्रतीक कोजागरा

कोजागरा पर्व आश्विन यानी की शरद पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन प्रदोष काल में देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही नवविवाहित दूल्हे का चुमाउन कर नवविवाहितों के समृद्ध और सुखमय जीवन के लिए प्रार्थना की जाती है। इसके बाद लोगों के बीच मखाना-बताशा, पान आदि बांटे जाते हैं। धीरेन्द्र मिश्रा ने बताया कि उनके पुत्र रामपति मिश्रा के ससुराल से ससुर वेदनंद मिश्रा, आशीष झा, फल माखना लेकर यहाॅ पहॅुचे थे। इस रात जागरण का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि कोजागरा की रात लक्ष्मी के साथ ही आसमान से अमृत वर्षा होती है। पूरे वर्ष में शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा सबसे अधिक शीतल और प्रकाशमान प्रतीत होते हैं।

इधर पंडित जीवकांत झा ने बताया कि चुमाउन के लिए प्रदोष काल सर्वोत्तम होता है। इसी काल में लक्ष्मी पूजा का भी उत्तम समय है। मंगलवार 19 अक्टूबर को सूर्यास्त 5.40 के बाद प्रदोषकाल में 6.56 मिनट के बाद पूर्णिमा मुहूर्त में चुमाउन शुभ माना गया है। चुमाउन के लिए यह समय सर्वोत्तम है।

कोजागरा की रात में पचीसी खेलने की परंपरा रही है। हालांकि, समय के साथ यह परंपरा अब दम तोड़ती नजर आ रही है। कहीं-कहीं इस परंपरा को जीवित रखने के लिए लोग सामूहिक प्रयास कर रहे हैं। नई पीढ़ी के लोग तो इस परंपरा से अनजान ही हैं। बुजुर्ग बताते हैं कि कोजागरा के अवसर पर खेला जाने वाल खेल पचीसी सामाजिक समरसता की मिसाल हुआ करता था। कार्यक्रम में अरूण मिश्रा, धमानंद मिश्रा, दुखमोचन प्रसाद, रामकृपाल कंठ, प्रो0 बिरेन्द्र सिंह, नीरज कर्ण, एसएनकंठ, अजीत झा, मुरली मिश्रा, साधना मिश्रा, कल्याणी झा, करूणानंद झा, मुकेश मिश्रा, उग्रमोहन मिश्रा आदि उपस्थित थे।

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