पिता शिक्षक,तो मां है आंगनबाड़ी सेविका और बेटा बन गया लेफ्टिनेंट… Jharkhand Koderma Koderma live National by Ravi - December 15, 2020December 15, 20200 सैनिक स्कूल तिलैया का छात्र लेफ्टिनेंट बनकर पहुंचा कोडरमा,भव्य स्वागत झुमरीतिलैया के गुमो का है रहनेवाला लेफ्टिनेंट पीयूष कुमार लेफ्टिनेंट पीयूष कुमार कोडरमा। शिक्षक पिता हैं और मां आंगनबाड़ी सेविका। दोनों को अपने बेटे पर नाज है। भला नाज भी क्यो ना हो,क्योकि बेटे ने अपना ही नही,पूरे कोडरमा जिले का भी नाम रौशन कर दिखाया है। कोडरमा के इस लाल की वजह से अब देश को भी नाज होगा। क्योकि गुमो,झुमरीतिलैया का रहनेवाला लेफ्टिनेंट पीयूष देशसेवा करेगा। कोडरमा स्टेशन पर लेफ्टिनेंट बनकर पहुंचे पियूष कुमार का भव्य स्वागत किया गया। पीयूष के पहुंचने की खबर जिसे भी मिला,वे सब कोडरमा स्टेशन पहुंचे। स्टेशन पर लोगों ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। किसी ने गले लगाया,तो किसी ने गर्व से हांथ मिलाया। सैनिक स्कूल का कैडेट रहा है पीयूष कोडरमा जिले का गौरव सैनिक स्कूल तिलैया का एक और कैडेट उन हजारों कैडेटो का प्रेरणा स्त्रोत बन कर उभरा है,जो सैनिक स्कूल से पढ़कर देश सेवा के लिए जाना चाहतें है। पीयूष कुमार नें 2009 में सैनिक स्कूल,तिलैया में नामांकन लिया था। पढ़ने के दौरान ही सैन्य क्षेत्र में जाने का फैसला ले चुके थे। पहली बार में ही 2016 में एनडीए प्रवेश परीक्षा उतीर्ण किया। नेशनल डिफेंस एकेडमी में 3 साल की कठोर ट्रेनिंग पूरी करने के बाद लेफ्टिनेंट बनकर देहरादून में अपना योगदान दिया। मेरे कामयाबी में माता-पिता और शिक्षको का अहम योगदान- लें.पीयूष लेफ्टिनेंट बनकर कोडरमा स्टेषन पहुंचे पीयूष कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया की उनके पिता प्राईमरी शिक्षक और माता आंगनबाड़ी सेविका है। उन्होनें बताया की लेफ्टिनेंट बननें के इस सफर में माता-पिता के साथ शिक्षको का अहम योगदान रहा। लगभग 21 साल के पीयूष कुमार काफी कम उम्र में देश सेवा के लिए जुट गए है। आत्मविश्वास से लबरेज लेफ्टिनेंट पीयूष कुमार के इस उपलब्धि से कोडरमा वासी काफी गौरवान्वित महसूस कर रहें है। लेफ्टिनेंट बननें पर माता-पिता गौरवान्वित,बाकी पुत्रो को भी करेगें प्रेरित लेफ्टिनेंट पीयूष कुमार के पिता सीताराम प्रसाद कुशवाहा और माता गायत्री देवी गुमो मे रहतें है। पिता सीताराम प्रसाद कुशवाहा बतौर पारा शिक्षक रहकर शिक्षा का ज्योत जगाते है। वहीं माता गायत्री देवी आंगनबाडी सेविका बनकर बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए कार्य करती है। माता पिता दोनों काफी खुश दिखें। उन्होनें कहा की उनका बेटा देश सेवा करेगा,ये बात मुझे ही नही पूरे कोडरमा के लिए गर्व की बात है। मां नें कहा की पीयूष को पढ़ाने में काफी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। आर्थिक संकट के बाबजूद पीयूष को कामयाबी के लक्ष्य तक पहुंचाने में कोई कसर नही छोड़ा। माँ ने बताया की दो पुत्रो को भी देश सेवा में जाने के लिए प्रेरित करेगें।