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किसान आंदोलन – वाम व धर्मनिरपेक्ष दलों ने की आमसभा, कहा कृषि बिल किसानों के मौत का है फरमान

मोदी सरकार की कृषि कानून ए टू जेड किसान विरोधी

झुमरीतिलैया – किसान विरोधी क़ृषि क़ानून के खिलाफ चल रहे देशव्यापी आंदोलन के समर्थन मे ओवरब्रिज के नीचे राजगढ़िया मोड़ पर वाम व धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों के द्वारा संयुक्त आमसभा का आयोजन किया गया और किसान आंदोलन के साथ एकजुटता का आह्वान किया गया. सिविल सोसायटी के संयोजक उदय द्विवेदी की अध्यक्षता मे हुई सभा को सीपीएम राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पासवान, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मनोज सहाय पिंकु, राजद के जिला प्रभारी दिवाकर यादव, जिलाध्यक्ष रामधन यादव, डॉo जावेद, किसान सभा के असीम सरकार, सीपीआई राज्य परिषद व जिप सदस्य महादेव राम, जिलामंत्री प्रकाश रजक, जयनगर उप प्रमुख बिरेन्द्र यादव, सिविल सोसायटी के चरणजीत सिंह, कांग्रेस नेता सईद नसीम, महासचिव नवनीत ओझा, आम आदमी पार्टी के नेता दामोदर यादव, बसपा के जिलाध्यक्ष प्रकाश अम्बेडकर, माले जिला कमिटी सदस्य बिनोद पाण्डेय, राजेन्द्र प्रसाद, शम्भु पासवान ने सम्बोधित किया.

नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार की कृषि कानून ए टू जेड किसान विरोधी हैं। आजादी के बाद यह पहला मौका है, जब छोटे-बड़े लगभग 500 किसान संगठन एक साथ आयें हैं और क़ृषि क़ानून के खिलाफ एकजुट हैं. केंद्र सरकार अडाणी और अंबानी जैसे बड़े उद्योगपतियों के निर्देश पर काम कर रही है, क्योंकि इन कानूनों के सारे फायदे कॉरपोरेट को ही मिलेंगे। उन लोगों ने हजारों एकड़ जमीनें खरीदने के साथ गोदाम बनाने शुरू कर दिये हैं। यही वजह है कि सरकार इन कानूनों को रद्द करना नहीं चाहती। 70 सालों से चल रहे 44 श्रम कानूनों को एक झटके में समाप्त कर दिया और मजदूरों का हक छीन लिया. तो यह किसान विरोधी कृषि कानूनों को समाप्त क्यों नहीं किया जा सकता. सरकार किसान संगठनों से वार्ता को लंबा खींच रही है तथा किसानों की बात सुनने की बजाय अपनी बातें थोपना चाह रही है. बीमारी टीबी की है और सरकार हैजा की दवा पिला रही है। ऐसे में आंदोलन जारी रखना किसानों की मजबूरी है। खेती-किसानी हमारी संस्कृति है और जीवन पद्धति भी है, सरकार जबरदस्ती किसानों को ट्रेडर बनाना चाहती है। यह कानून किसानों के लिए मौत का फरमान है. इसलिए किसान विरोधी तीनों क़ृषि कानूनों को रद्द करना ही किसान के हित में होगा। कार्यक्रम मे दुर्गा राम, प्रकाश यादव, शिवपुजन पासवान, अकेला यादव, संजय शर्मा, सुबोध कुमार, ह्रदय मिश्रा, प्रभात कुमार राम, रोहित गिरी, आकाश सिंह, संतोष यादव, मोo असलम, अशोक यादव, राजेन्द्र भुइयां, बीरेंद्र यादव, काली सिंह, रामेश्वर यादव, बसमतिया देवी, भोला यादव, सुरेंद्र यादव, कृष्णा यादव, मनोज यादव सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे.

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