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ढिबरा (माइका) मजदूर भाजपा के बंधुआ मजदूर नही,रोजी-रोटी की आवाज़ उठाना हर झारखंडी बेटा का फर्ज- बंधू तिर्की

कोडरमा/रांची-: कोडरमा में ढिबरा चुनने पर लगी रोक से ढिबरा मजदूर और ढिबरा व्यवसाय से जुड़े लोग आक्रोशित है। ढिबरा स्क्रैप मजदूर संघ ने बीते दिनों कांग्रेस के मांडर विधायक बंधू तिर्की से रांची स्थित आवास जाकर मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। बंधू तिर्की ने 15 जनवरी तक ढिबरा चुनने को लेकर ठोस नीति नही बनने और प्रशासनिक रोक टोक हटाने की बात कही थी। साथ ही ढिबरा मजदूरों के समर्थन में 18 जनवरी को सड़क जाम करने का ऐलान किया था। इधर बंधू तिर्की ने ढिबरा मजदूरों के आंदोलन को लेकर कहा कि लाखों ढिबरा मजदूर के सामने भुखमरी के हालात चट्टान बनकर खड़ी है। उनके दर्द से वाकिफ हूँ,सालों से ढिबरा मजदूरों का वोट लेने वाले सत्ता में जब थे तो चुप्पी साधे थे। अब ढिबरा मजदूर जब अपने आंदोलन को तेज कर रहें तो, कुछ लोगों के पेट मे दर्द हो रहा। बंधू तिर्की ने कहा कि लाखों ढिबरा मजदूर भाजपा के बंधुआ मजदूर नही है। ढिबरा की समस्या लाइफलाइन से जुड़ा मामला है, जो पहले सत्ता में थे, वे ढिबरा मजदूरों के हक-अधिकार के लिए कभी भी ठोस नीति नही बनाई। उन्होंने कहा कि ढिबरा मजदूरों का आवाज़ उठाना झारखंडी बेटा का फर्ज है। झारखण्ड के खनिज को पूंजीपतियों और अपने चहेते उद्योगपतियों के हांथो बेचने वाले कभी भी गरीबों और मजदूरों के पक्ष में काम नही कर सकता। राज्य में जल,जंगल, जमीन और झारखंडी संस्कृति,सभ्यता की रक्षा करने वाली गठबंधन की सरकार है।इस सरकार में गरीब, वंचित, दलित, आदिवासी और मजदूरों के हक़ अधिकार के साथ कोई समझौता नही होगा। उन्होंने कहा कि ढिबरा मजदूर जागरूक है, उन्हें क्या करना है,उन्हें मालूम है। ढिबरा मजदूरों के हक़ अधिकार के लिए बात करने से कोई नही रोक सकता। उन्होंने कहा कि ढिबरा मजदूर के आंदोलन में शिरकत करने 18 को कोडरमा हर हाल में आएंगे। उन्होंने कहा ढिबरा मजदूरों को उनका हक़ दिलाने के लिए तकनीकी अड़चन आड़े आ रही तो, मुख्यमंत्री से सीधे हस्तक्षेप कर नीति बनाने की पहल करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि ढिबरा चुनकर रोजी-रोटी चलाने वालों पर प्रशासनिक कार्रवाई ना हो। वैश्विक महामारी के समय किसी भी गरीब को परेशान नही किया जाए, ढिबरा से लाखों लोग जुड़े है, जिनका जीवनयापन ढिबरा से ही चलता है।

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