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बजट 2020-सत्ता पक्ष नें सराहा,विपक्ष को नही भाया, सबसे लंबा बजट भाषण का रिकॉर्ड

दिल्ली/कोडरमा

शनिवार को देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नें बजट-2020 पेश किया। बजट भाषण करीब पौने तीन घंटे तक दिया गया। बताया जा रहा है की अबतक का सबसे बड़ा बजट भाषण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया है,जिसमे कई योजनाओं का ऐलान किया गया है। साथ ही साथ टैक्स स्लैब में बदलाव का जिक्र किया। बजट पेश होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी नें देश को संबोधित किया। पीएम मोदी नें बजट को विजन और एक्शन वाला बताया। उन्होंने वित्त मंत्री व उनकी टीम को बधाई दी। बजट को लेकर कोडरमा जिले के जनप्रतिनिधियों व विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओ ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी है। सत्ता पक्ष ने बजट को जहां सराहा, वहीं विपक्ष को यह बजट रास नही आया और जमकर आलोचना की।

गांव, गरीब और किसानों का बजट : अन्नपूर्णा देवी

बजट में आधारभूत संरचना को विकसित करने पर फोकस, मध्यमवर्गीय को कर में बड़ी राहत

कोडरमा। सांसद अन्नपूर्णा देवी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए बजट को गांव, गरीब और किसानों का बजट करार दिया है। उन्होंने कहा कि बजट में सभी वर्गों के हित का ख्याल रखा गया है। मध्यमवर्गीय परिवारों को आय कर में बड़ी राहत देकर सरकार ने नए वर्ष का तोहफा दिया है। वहीं दूसरी तरफ बजट का मुख्य फोकस देश में आधारभूत संरचना का विकास है। एक सौ लाख करोड़ रुपए का प्रावधान आधारभूत संरचना के लिए किया गया है। किसानों के आय वृद्धि के लिए 16 सूत्री योजना पर काम होगा। रोजगार के नए अवसर तैयार हो इसपर भी सरकार ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह का बजट आज संसद में आया है उससे कहा जा सकता है की जल्द ही भारत आर्थव्यवस्था में लंबी छलांग लगाएगा । पांच ट्रिलियन डॉलर वाली अार्थव्यवस्था का जो वादा प्रधानमंत्री ने किया है वह जल्द ही पूरा होगा। उन्होंने वित्त मंत्री को रांची में ट्राइबल म्यूजियम खोलने के प्रस्ताव का स्वागत किया है।

बेरोजगारी दूर करने के लिए बजट में प्रावधान नहीं-रामधन

रामधन यादव, नेता,राजद, कोडरमा

बजट को लेकर राजद नेता रामधन यादव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि देश की प्रमुख मुद्दा बेरोजगारी है, लेकिन बेरोजगारी दूर करने के लिए बजट में कोई खास प्रावधान नही किया गया है। बजट में युवाओं को छलने के लिए नौकरी में भ्रष्ट्राचार रोकने की बात कही गयी है। इसका मतलब साफ है कि देश मे नौकरी देने के नाम पर जमकर भ्रष्ट्राचार हो रहा था। इस प्रावधान ने सबका साथ-सबका विकास के नारे वाली ढ़ोल को फोड़ दिया है। वहीं राजद नेता श्री यादव ने कहा कि बजट में टैक्स स्लैब सरकार की गलत नीतियों की वजह से अर्थव्यवस्था की खस्ता हाल को बता रही है। सरकार आने वाले समय मे रोजगार के अवसर पैदा करने में फिर नाकाम रहने वाली है। वहीं उन्होंने कहा कि देश का रीढ़ खेती-किसानी और किसानों को लेकर बजट में प्रावधान नही है, जिससे कर्ज में डूबे किसानों को कोई लाभ मिल सके। बजट से साफ दिख रहा है कि देश का खजाना खाली कर आर्थिक संकट से जूझ रही मोदी सरकार टैक्स का बोझ आम जनता पर डाल कर टैक्स ओरिएंटेड न्यू इंडिया बनाने की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इस बजट से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि उत्थान,सुदृढ अर्थव्यवस्था की चाह रखने वालों को निराशा मिली है।

संजय पासवान, सीपीएम नेता,

कॉरपोरेट को लाभ पहुँचाने वाला बजट : संजय पासवान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया केन्द्रीय बजट कॉरपोरेट क्षेत्र को लाभ पहुँचाने पहुँचाने वाला बजट है. उक्त बयान मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य ने दिया. केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि पूरा देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है, लेकिन बजट मे इसकी चर्चा नहीं है. 45 साल के बाद देश मे सबसे ज्यादा बेरोजगारी है, नोटबंदी के बाद लाखों लोगों का रोजगार छिन गया, लेकिन रोजगार बढ़ाने पर कोई जोर नहीं है. बजट मे 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट पेश किया गया जिसमे राज्यों का हिस्सा 42 से 41 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे राज्यों को केन्द्र पर ज्यादा निर्भर रहना होगा। देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कम्पनी एलआईसी जो सरकार को हर वर्ष लाखों करोड़ रूपया विकास के लिए देता है, जो हमेशा फायदा मे रहता है उसका बड़ा हिस्सा को निजी हाथों मे बेच देगी. देश मे सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी देने वाला रेलवे का निजीकरण की मुहिम को और तेज कर दिया गया है और 150 निजी तेजस एक्सप्रेस को चलाने की घोषणा की गई है. स्वास्थ्य व्यवस्था को भी प्राइवेट के हांथों मे सौपने की तैयारी है और जिला अस्पताल को पीपीपी मोड पर चलाने का प्रस्ताव है. बिजली विभाग का भी निजीकरण करने और मोबाइल की तरह कई निजी कम्पनियों से रिचार्ज करने का प्रावधान है. ग्रामीण विकास और किसानों पर जोर दिया गया है, लेकिन उसमे वृद्धि मात्र दो प्रतिशत किया गया है. वहीं कृषि और सिचाई क्षेत्र मे मात्र 5.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो महगांई के हिसाब से वास्तविक रूप मे शून्य है. भूख और कुपोषण से निपटने के लिए बजट मे कोई बढ़ोतरी नहीं किया गया है और न ही परियोजना कर्मियों की वेतन बढ़ोतरी की घोषणा की गई है. नई शिक्षा नीति जो शिक्षा का निजीकरण को बढ़ावा देती है. बजट मे छात्रों को भी निराश किया गया है. कुल मिलाकर यह बजट देश की सरकारी सम्पत्तियों को बेचने वाला और देश की अर्थव्यवस्था को सत्यानाश करने वाला बजट है.

देश की जनादेश व जन आकांक्षाओं के विपरीत है बजट :- सईद नसीम

कांग्रेस नेता सईद नसीम ने कहा कि यह नए साल और दशक में पहला संसदीय सत्र था और एक उज्ज्वल दशक के लिए एक मजबूत नींव रखी जानी चाहिए थी। बजट से आमजन को काफी उम्मीदें थी की आर्थिक मुद्दों और लोगों के सशक्तिकरण पर नई पहल लेकर बजट आएगी। लेकिन उन्हें मायूस होना पड़ा है। कुल मिलाकर पिछले छह सालो द्वारा जो आमजनो को ठगने का काम केंद्र सरकार करती आई है,उसे दोहराने का कार्य किया है। जो देश के बेरोजगारों, किसानों, मजदूरों, छात्रों, मध्यवर्गीय परिवारों की चिंता को बढ़ा कर रख दिया है। पिछले कुछ बजट की बात करे तो केंद्र सरकार द्वारा वादा किया गया था 100 स्मार्ट सिटी,हर वर्ष 2 करोड़ रोजगार,पेट्रोल-डीजल सस्ता,LPG सस्ता, आदि कई चीजें थी जिसे अब तक उन वादों को केंद्र सरकार अब तक पूरा नही कर पायी है।सरकार की प्राथमिकता किसानों की आय में वृद्धि, युवाओं के लिए रोजगार और गांवों में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार का प्रमुखता होनी चाहिए थी। ऐसा मालूम होता है जो इस बजट में सरकार नहीं बेच सकी वो अगले बजट में बेचेगी ? बेरोजगारी की वजह से सिर्फ एक साल में 26 हजार से ज्यादा बेरोजगार आत्महत्या कर चुके हैं। इसके बाद भी रोजगार के दिशा में ठोस कदम सरकार के द्वारा नही उठाया जाना निराशजनक है। कुल मिलाकर बजट से आमजन पूर्व से मंहगाई, बेरोजगारी, मंहगी शिक्षा आदि की मार झेलने वालो को निराश व हताश होना पड़ा है।

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