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उजाडने से पहले पहले ठेला व फुटपाथ दुकानदारों के लिए स्थायी व्यवस्था हो- शालिनी गुप्ता

कोडरमा। जिले के झुमरीतिलैया, कोडरमा और डोमचांच में बडी संख्या में छोटे दुकानदार सालों से ठेला व फुटपाथ या झुग्गी झोपडी के जरिए अपना व्यवसाय कर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। अतिक्रमण के नाम पर या तो इन्हें सडक के किनारे से हटाया जा रहा है या फिर झुग्गी झोपडी को तोडा जा रहा है। जिला परिषद प्रधान शालिनी गुप्ता ने कहा है कि शहर की व्यवस्था अच्छी हो, सडकों पर आवागमन सुविधाजनक हो, यह सभी चाहते हैं परन्तु इन छोटे दुकानदारों या काम धंधा कर जीवन बसर करने वालों को उजाडने के पहले इनके लिए वैकल्पिक और स्थायी व्यवस्था की जानी चाहिए। बडी संख्या में यदि इन्हें रोजगार विहीन किया गया तो न केवल इनके समक्ष आर्थिक सामाजिक संकट की स्थिति बनेगी बल्कि सामाजिक ताना बाना भी प्रभावित होगा। जिप प्रधान शालिनी गुप्ता ने बताया कि स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 के अनुसार प्रत्येक नगर निकाय में वेंडर्स कमिटी बनायी जानी है जिसके द्वारा सर्वे करके वेंडर्स को प्रमाणित किया जाना है। इस एक्ट के खंड 3 में यह भी प्रावधान है कि जबतक सर्वे का कार्य पूर्ण नहीं होता और सभी को वेंडिंग सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता तबतक किसी भी वेंडर को बलपूर्वक हटाना नहीं है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने 18 मई 2021 को सभी राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर एक्ट के अनुसार ही कार्य करने के साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा था कि स्थानीय निकाय एवं पुलिस द्वारा वेंडर्स को प्रताडित नहीं किया जाय, जैसा कि लगातार शिकायतें मिल रही हैं। जिप प्रधान श्रीमती शालिनी गुप्ता ने बताया कि उक्त निर्देश के आलोक में 8 जून 2021 को सहायक निदेशक, नगरीय प्रशासन निदेशालय, झारखंड सरकार ने सभी नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र भेजकर कहा है कि वर्तमान में पथ विक्रेताओं के बेदखली एवं उत्पीडन संबंधित शिकायत प्राप्त है जिसका असर पथ विक्रेताओं के व्यवसाय पर पडता है और वे बैंक ऋण की किस्त समय पर जमा नहीं कर पा रहे हैं। इससे पथ विक्रता सब्सिडी एवं अन्य लाभ से वंचित हो रहे हैं एवं बैंक में भी उनकी छवि खराब हो रही है। पत्र में यह भी कहा है कि प्राथमिकता के आधार पर पथ विक्रताओं की क्षेत्रवार सूची संबंधित पुलिस थाना को उपलब्ध करायें ताकि पथ विक्रेताओं के बेदखली और उत्पीडन को रोका जा सके। जिप प्रधान श्रीमती शालिनी गुप्ता ने कहा है कि उक्त दो पत्रों और निर्देशों के आलोक में तथा स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप ही कोडरमा जिले में कार्य करने की जरूरत है और स्थायी व्यवस्था के बाद ही इन छोटे दुकानदारों को हटाने की कार्यवायी की जाय। उन्होंने यह भी कहा कि इनकी समस्याओं के समाधान के लिए वे खुद भी पहल करेंगी।

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