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100 बेड वाला जर्जर छात्रावास में 250 छात्राएं रहकर कर रही पढ़ाई,बदहाल कस्तूरबा विद्यालय!

जर्जर बिल्डिंग में चल रहा कोडरमा का कस्तूरबा विद्यालय

जेल से भी बदत्तर है कस्तूरबा विद्यालय में व्यवस्था

एक कमरे में 8 बेड, एक बेड पर सोती है 3 छात्राएं

कोडरमा। कोडरमा का कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं की जिंदगी किसी जेल की यातनाओं से भी कठोर है। बेबश, लाचारी का आलम ये है कि कोडरमा कस्तूरबा विद्यालय पिछले कई सालों से कल्याण विभाग की जनजाति छात्रावास में संचालित की जा रही है। 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के हांथो 100 बेड वाला छात्रावास का उद्धघाटन हुआ था। इसी छात्रावास में कोडरमा कस्तूरबा विद्यालय संचालित की जा रही है। इस छात्रावास में करीब 250 छात्राएं फिलहाल पढ़ाई करतीं है। परियोजना बालिका उच्च विद्यालय कोडरमा के परिसर में 2007 से कस्तूरबा गांधी स्कूल संचालित हो रही है।

छात्रावास हो गयी जर्जर, छत है टपकता !

कोडरमा कस्तूरबा गांधी विद्यालय में व्यवस्था किसी भी लिहाज़ा से पढ़ने के लिए अनुकूल नही है। बरसात में छत टपकता है और छात्रावास की कई कमरों का छत जर्जर हो चुकी है। एक कमरे में 8 बेड लगा है, इसी कमरे में पढ़ाई,खाना और सोना पड़ता है। इस बिल्डिंग की हालत बेहद खतरनाक हो चुकी है। दो तल्ला का कस्तूरबा विद्यालय के गलियारे में अंधेरा छाया रहता है, इसी गलियारे में छात्राएं नहाने को भी मजबूर रहती है।

इधर जिला शिक्षा पदाधिकारी अलका जायसवाल ने बताया कि जर्जर हो चुकी बिल्डिंग से कस्तूरबा विद्यालय को शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। लोकाई में कस्तूरबा विद्यालय का नई बिल्डिंग बन रही है। उन्होंने बताया कि निर्माण एजेंसी को 1 महीने में तैयार कर सुपुर्द करने को कहा गया है। उन्होंने बताया है कि एक महीने में कस्तूरबा विद्यालय को नई बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

अलका जायसवाल, डीईओ, कोडरमा
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