संत रविदास जी का मंदिर तोड़ा जाना, संविधान के बुनियादी ढांचे के विरुद्ध-नसीम Uncategorized by Ravi - August 28, 2019August 28, 20190 कांग्रेस नेता सईद नसीम कोडरमा । संत रविदास 15वीं सदी के एक महान समाज सुधारक थे। उन्होंने भेदभाव से ऊपर उठकर समाज कल्याण की सीख दी।उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई, छुआछूत आदि का उन्होंने विरोध किया और पूरे जीवन इन कुरीतियों के खिलाफ ही काम करते रहे।इसमें कोई दो राय नहीं कि संत रविदास के अनुयायियों के लिए तुगलकाबाद मंदिर की जगह का काफी महत्व है। इस मंदिर से सिख समाज की आस्था भी जुड़ी हुई है। उक्त बातें कांग्रेस नेता सईद नसीम ने कही। सबका साथ सबका विकास की नारा देने वाली सरकार ने संत रविदास को मानने वाले 30-35 करोड़ लोगों की आस्था का जरा भी ध्यान नहीं रखा। रविदास मन्दिर को तोड़ा जाना संविधान के बुनियादी ढांचे और पंथनिरपेक्षता के सिद्धांत के विरूद्ध है, और सरकार की यह कार्रवाई चौंकाने वाली है। उम्मीद है सरकार सबका साथ सबका विकास का अमल कर सभी को विश्वास में लेगी। सरकार मन्दिर तोड़े जाने के फैसले में हस्तक्षेप करेगी और रविदास मन्दिर निर्माण की रास्ता निकालेेगी ।