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धन,रूप और अपनी प्रतिष्ठा पर घमंड नहीं करना चाहिए-विदुषी साधना दीदी

कोडरमा : आज का दिन अहंकार को छोड़ने का दिन है। इसी अहंकार के कारण मनुष्य अपने आप को दुखी और स्वजनों से दूर अपने आपको करता जा रहा है। मनुष्य को कभी भी अपने आप पर, अपने धन पर, अपने रूप पर और अपनी प्रतिष्ठा पर घमंड नहीं करना चाहिए। उक्त बातें प्रवचन के दौरान परम विदुषी साधना दीदी नें कहीं। उन्होनें कहा की जो मनुष्य अहंकार से परे होता है, सरलता का भाव अपनाता है, वही महान है। परम विदुषी दीदी ने कहा कि यह शांति धारा का जल कोई आम जल नहीं होता है। इसमें भगवान के ऊपर लाखों लाख मंत्रों के आह्वान का उच्चारण होता है और भाग्यशाली व्यक्ति ही इन 10 दिनों में भगवान की शांति धारा कर सकता है और अपने जीवन को धर्म में और सफल बना सकता है। इसके पूर्व जैन धर्म के महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को झुमरीतिलैया के दोनों जैन मंदिरों में सैकड़ों महिलाओं पुरुष और बच्चों ने उत्तम मार्दव धर्म के रूप में मनाया। दोनों मंदिरों में भव्य रूप में भगवान का कलशाभिषेक हुआ। भगवान पर मंत्रोच्चारित जल द्वारा शांति धारा का सौभाग्य धनेंद्र कुमार नवीन कुमार पांड्या, विमल कुमार, संजय कुमार बड़जात्या, विनोद कुमार, अनीश कुमार सेठी, सरोज कुमार, अंकुर कुमार पापड़ीवॉल व सुबोध कुमार गंगवाल, नया मंदिर में वीरेंद्र कुमार व अंकित कुमार छाबड़ा परिवार को प्राप्त हुआ। सरस्वती भवन के परिसर में परम विदुषी साधना दीदी द्वारा मंत्रोच्चारण किया गया और शांति धारा की गई। शाम को महाआरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम सरस्वती भवन के परिसर में हुई। मौके पर जैन समाज के अध्यक्ष विमल सेठी, मंत्री ललित सेठी, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र काला, सरोज पापड़ीवाल, जयकुमार गंगवाल, जैन महिला समाज की अध्यक्ष नीलम सेठी, मंत्री आशा गंगवाल, जैन युवक समिति के अध्यक्ष राजीव छाबड़ा, मंत्री सुमित सेठी, वार्ड पार्षद पिकी जैन समेत समाज के सभी सदस्य मौजूद थे।

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